2014 में प्रचंड बहुमत से बनी मोदी सरकार ईवीएम हैक करके आई? कपिल सिब्बल यह साबित करना चाहते थे। इसके लिए सिब्बल ने एक नकाबपोश हैकर का सहारा लिया, जो लंदन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका से बोलता नजर आया। हैकर का नाम सैयद सुजा बताया गया और प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजक इंटरनेशनल जनरल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आशीष रे को बताया गया ।
आशीष रे कथित तौर पर पत्रकार है। आशीष सुभाष चंद्र बोस के नजदीकी रिलेशन में है और कांग्रेस पार्टी से उसका निजी संबंध है। कपिल सिब्बल ने खुद स्वीकार किया कि सुभाष रे उनका का नजदीकी मित्र है। निजी रिश्ते के कारण सुभाष ने प्रेस कान्फ्रेस में उन्हें निजी तौर पर बुलाया था। हिंदुस्तान में ईवीएम की पैकिंग होती है इसके लिए लंदन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल मौजूद थे वहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका से एक हैकर को नकाबपोश बना कर पेश किया गया था।
अमेरिका में बैठा नकाबपोश हैकर यह साबित करना चाहता था हिंदुस्तान की अनेक पार्टियों ने उससे संपर्क साधा था ताकि वह ईवीएम को हैक कर सके। इसके लिए सबसे पहले भाजपा ने उससे संपर्क साधा और 2014 के लोकसभा चुनाव में जो मोदी सरकार बनी है वह ईवीएम हैक करके बनी है। सुजा ने यह दावा किया था कि जिस जिस को यह पता चला कि ईवीएम हैक होता है मोदी सरकार ने उसकी हत्या करवा दी । इसके लिए पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या हत्या को भी ईवीएम से जोड़ा गया। वामपंथी मीडिया लंकेश की हत्या को अब तक अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़ कर मोदी सरकार पर हमलावर थी लेकिन यह नया मसला पेश किया गया। सब कुछ सी ग्रेड की फिल्म की पटकथा सी लग रही थी।
हद तो यह कि भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे की दिल्ली में हुई एक्सीडेंट से मौत को भी सुजा ने यह बताने की कोशिश की उनके पास भी है हैकिंग की जानकारी थी इसलिए उनकी जो एक्सीडेंट में मौत बताई गई वो दरअसल हत्या थी । कपिल सिब्बल एक वकील है। लेकिन इस बात को नहीं समझ पाए कि किसी भी मामले को साबित करने के लिए सरकमस्टेंशियल एविडेंस की जरूरत होती है। सबूतों की जरूरत होती है ।
गोपीनाथ मुंडे की मौत को हत्या साबित करना और उसी ईवीएम से जोड़ना खुद कांग्रेस के लिए भारी पर गया। मोदी सरकार को घेरने के लिए ईवीएम हैकिंग से देश में हुए अनेक मौत को हत्या साबित करना उसके लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नकाबपोश है कल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल होना और उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के बीच कपिल सिब्बल का होना कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन गया। सिब्बल लंदन में एक बड़ी साजिश रच कर मोदी सरकार को घेरने के लिए जो खेल खेल रहे थे उन्हे लगा कि इस से उनका नबर बढ़ जाएगा राहुल गांधी खुश हो जाएंगे । लेकिन यह दाव पार्टी के लिए उल्टा पड़ गया। पार्टी सफाई देने की हालत में भी नहीं रह गई।
ईवीएम हैकिंग के जिस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर हमलावर होना चाहती थी वह खुद कठघरे में खड़ी हो गई ।सवाल यह उठने लगा भारतीय लोकतंत्र, भारत की जनता का अपमान लंदन से किया गया और उसमें सिब्बल शामिल थे। बीजेपी ने इसे मुद्दा बना दिया जो कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन गया है ।जो परेशानी खुद उनके वकील सिब्बल लेकर। कई मामले में कांग्रेस के तारणहार बनने वाले कपिल सिब्बल अबकी बार उनके लिए तबाही लेकर। अपने ही बुने साज़िश के जाल में पार्टी को खुद फसा दिया।
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