भारतीय मीडिया के आगे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही हथियार डाल दिया हो, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश की मीडिया से दो-दो हाथ करने की ठान ली है। ट्रंप ने अमेरिका के मीडिया को भ्रष्ट बताते हुए न्यूज चैनलों की मान्यता रद्द करने की धमकी दे डाली है। उनकी धमकी को हल्के में कतई नहीं लिया जा सकता है। क्योंकि वे राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान वाशिंगटन पोस्ट जैसे मीडिया हाउस के कवरेज पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कहा है कि न्यूज चैनल सरोकारी और देश के विकासपरक खबर चलाने की बजाए हर वक्त फर्जी खबर चलाते रहते हैं। ट्रंप ने तो यहां तक कहा है कि न्यूज चैनलों पर दिखने वाली 91 प्रतिशत खबरें fake news होती हैं।
फेक न्यूज के चलन से भारत भी परेशान है। फर्जी न्यूज को लेकर लोगों में भी काफी गुस्सा है। न्यूज चैनलों की मान्यता रद्द करने वाले ट्रंप के ट्वीट पर एक ट्वीटर यूजर ने अपने प्रतिक्रिया में कहा है कि मीडिया को क्या अधिकार है फ़र्ज़ी खबरें दिखाने का। किसी को बदनाम करने का। फर्जी खबरें किसी की जिंदगी खराब कर देती हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि फेक न्यूज प्रचारित प्रसारित करने वालों के खिलाफ तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक झुक गए और डर गए। निश्चित रूप से उस यूजर ने फेक न्यूज के खिलाफ केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के उस प्रस्ताव के बारे में लिखा है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस करा दिया था। ऐसे में देखना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में कब कोई ठोस कदम उठाते हैं।
दरअसल अपने प्रशासन की लगातार नकारात्मक खबरें चलाए जाने से ट्रंप काफी नाराज है। इसी को लेकर न्यूज चैनलों की मान्यता रद्द करने की धमकी दी है। ट्रंप ने इस मसले पर अपने ट्वीट में लिखा है कि अमेरिका में फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई है। अर्थव्यवस्था के साथ कई अन्य मोर्चे पर इतनी शानदार सफलता के बावजूद न्यूज चैनल को हमसे जुड़ी खबर ही चाहिए। ट्रंप ने कहा कि न्यूज चैनलों पर मुझ से जुड़ी दिखने वाली खबरों में 91 प्रतिशत तो फर्जी ही होती हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने अपने ट्वीट मे लिखा है हम उस मीडिया के लिए इतनी मेहनत क्यों करे जो भ्रष्ट है? आखिर उनकी मान्यता रद्द क्यों न की दी जाए? गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ और ‘पॉलिटिको’ सहित बड़े मीडिया संगठनों के कवरेज पर रोक लगा दी थी।
The Fake News is working overtime. Just reported that, despite the tremendous success we are having with the economy & all things else, 91% of the Network News about me is negative (Fake). Why do we work so hard in working with the media when it is corrupt? Take away credentials?
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 9, 2018
मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से अमेरिका का मीडिया ट्रंप के अफेयर्स को लेकर ज्याद मूखर है। ट्रंप इससे तो परेशान हैं ही लेकिन इससे भी परेशान हैं कि मीडिया उनकी उपलब्धियों को कम आंकता है। उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था के साथ ही कई अन्य मोर्चों पर अमेरिका की शानदार सफलता के बाद भी मीडिया फर्जी खबर के पीछे पड़ा रहता है।
चैनलों के साथ पूरे मीडिया में फर्जी खबरों के फैलते जाल से भारत भी परेशान हैं। ट्रंप ने तो अभी धमकी ही दी है, लेकिन भारत की सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने तो फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए कुछ दिन पहले एक समिति का गठन भी कर दिया था। लेकिन ऐन वक्त पर प्रधानमंत्री मोदी ने हस्तक्षेप कर इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया। वैसे भी सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के कदम से महज दो हजार पत्रकार प्रभावित होते जबकि फर्जी खबर से समाज प्रभावित होने से बच जाता। अब जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चैनलों की मान्यता रद्द करने की धमकी दी तो देखना है कि इस संदर्भ मोदी कब कोई ठोस कदम उठाने की बात करते हैं?
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