विपुल रेगे। अजीथ कुमार तमिल सिनेमा के बहुत लोकप्रिय अभिनेता हैं। उनकी फिल्म वलीमै ने वर्ल्डवाइड बड़ी ओपनिंग ली है। दो दिन में ही कलेक्शन 30 करोड़ के पार चला गया है। हिन्दी पट्टी में वलीमै ने लगभग दो करोड़ का कलेक्शन किया है। हिन्दी पट्टी में अजीथ कुमार की पहचान टीवी पर आने वाली तमिल डब फिल्मों से बनी है। अपितु वे हिन्दी में अल्लू अर्जुन की तरह लोकप्रिय नहीं है लेकिन फिर भी उनकी फिल्म को थियेटर में देखने के लिए काफी दर्शक आ रहे हैं।
वलीमै की कथा में नयापन नहीं है लेकिन ट्रीटमेंट बहुत अच्छा दिया गया है। एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी अर्जुन को चेन्नई बुलाया जाता है। चेन्नई में अपराध बढ़ते जा रहे हैं। एक बाइकर गैंग ड्रग्स के बड़े खिलाडियों को लूट कर पैसा बना रहा है। ये गिरोह शहर की महिलाओं के साथ भी लूटपाट कर रहा है। अर्जुन जब इसे नियंत्रित करने का प्रयास करता है तो धीरे-धीरे मुख्य सरगना नरेन के बनाए जाल में फंसता चला जाता है।
अर्जुन का साथ एक फोरंसिक एक्सपर्ट सोफिया दे रही है। लाख प्रयास करने के बाद भी अर्जुन बाइकर गैंग तक नहीं पहुँच पा रहा है। बाइकर गैंग इतनी सावधानी से अपने काम को अंजाम देती है, कि पीछे कोई सबूत नहीं छूटता। एक दिन अर्जुन को मालूम होता है कि ड्रग्स का कारोबार उसके घर तक पहुँच गया है। फिल्म के निर्देशक एच विनोथ ने इस कहानी को रोमांचक ढंग से परदे पर उतारा है।
पुलिस अनुसंधान को रोचक ढंग से दिखाया गया है। फिल्म तेज़ी से दौड़ती है और कहीं उबाती नहीं है। अजीथ के एक्शन दृश्यों को विशेष प्रभाव देकर क्रिएट किया गया है। अजीथ की छवि तमिल सिनेमा में एक एक्शन हीरो की है और प्रशंसक उन्हें एक्शन में देखना सबसे अधिक पसंद करते हैं। अजीथ की एंट्री वाला एक्शन सीक्वेंस ही दर्शक के टिकट का पैसा वसूल कर देता है।
फिल्म में अजीथ का कोई लव एंगल नहीं दिखाया गया है। कथा की मांग थी कि ये एक ऐसा पुलिस अधिकारी है, जिसने अपने परिवार के लिए विवाह नहीं किया है। फिल्म में अजीथ के भाई और उसकी माँ का प्रसंग भावुक कर देता है। वलीमै में अजीथ के भाई का एक प्रसंग का उल्लेख आवश्यक हो जाता है। अजीथ का बड़ा भाई अल्कोहलिक है और बेरोजगार भी है।
उसके शराब पीने और छोड़ने के प्रसंग भावुकता के साथ दिखाए गए हैं। मुझे याद नहीं पड़ता कि बॉलीवुड की फिल्मों में इस सामाजिक बुराई को लेकर कोई सार्थक सन्देश दिया गया हो। ये देखना सुखद है कि सामाजिक बुराइयों को लेकर दक्षिण का सिनेमा जागरुक है। फिल्म का क्लाइमैक्स कमज़ोर कड़ी है। सत्तर-अस्सी के दशक में हीरो के पूरे परिवार को विलेन उठा ले जाता है और हीरो से अपनी मांगे मनवाता है।
ये वाला ट्रेंड सभी भारतीय फिल्मों में बहुत इस्तेमाल किया गया है। अंत में जाकर फिल्म कुछ कमज़ोर हो जाती है। हालांकि क्लाइमैक्स का कमज़ोर होना फिल्म के कलेक्शन पर बुरा असर नहीं डाल सका है। फिल्म के कलेक्शन दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। फिल्म के मुख्य कलाकारों में अजीथ कुमार, हुमा कुरैशी और सुमित्रा ने स्वाभाविक अभिनय किया है।
फिल्म के एक्शन डाइरेक्टर रशियन मूल के Sergey Golovkin हैं। यहाँ उनका उल्लेख इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अजीथ कुमार की इस फिल्म की यूएसपी उनके द्वारा बनाए गए एक्शन दृश्य हैं। वलीमै को हिंदी पट्टी में फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने प्रदर्शित किया है। इस फिल्म को सपरिवार देखा जा सकता है।