Sandeep Deo:-प्रभु श्रीराम की कृपा से कल रात्रि वाल्मीकि रामायण अरण्यकाण्ड तक पूरा हो गया। आज से किष्किन्धाकाण्ड आरंभ होगा।
ईश्वर की अनुकंपा से दर्शकों को यह पसंद भी आ रहा है। मैं बता दूं कि मैं कोई कथावाचक नहीं हूं और न मेरी शैली कथावाचक जैसी है। मैं वाल्मीकि रामायण का समाजशास्त्रीय विवेचना प्रस्तुत कर रहा हूं जो अतीत से वर्तमान को जोड़ता है और रामायण में वर्णित धर्म, अध्यात्म, समाज, राजनीति, भूगोल, मनोविज्ञान और इतिहास को सामने रखता है।
रामायण का यह वाचन सदियों से गलत आख्यान (नरेशन) के जरिए सनातन समाज पर हुए सभ्यतागत आक्रमण का जवाब देता है। रामायण न केवल जीवन को बदलने की क्षमता रखता है, बल्कि हर हिंदू सनातनी को एक करने का सामर्थ्य भी रखता है। साथ ही असुर और राक्षसी प्रवृत्ति की पहचान को भी स्पष्ट करते हुए उससे बचाव का तरीका भी सिखलाता है।
वाल्मीकि रामायण पर कई खंडों में लिखे जा रहे मेरे शोध ग्रंथ से इसको पढ़ने और समझने की नूतन शैली का विकास हो सकता है, क्योंकि रामायण पर अभी तक इस संपूर्ण दृष्टिकोण से मैंने न किसी का वाचन सुना है, न ही लेखन देखा है। रामायण ने मुझसे मुझे मिलाया है और यह हर सनातनी को उससे ही उसे मिलाने की महागाथा है।
वाल्मीकि रामायण EP-56 | शबरी के जूठे बेर का झूठ! | Ramayan by Sandeep Deo | JWSD
जय श्री राम 🙏