By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speak DailyIndia Speak Daily
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • सरकारें
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
      • मनोविश्लेषण
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDEO Blog
    • Your Story
  • JOIN US
Reading: वाल्मीकि रामायण (भाग 4)
Share
Notification
Latest News
महाकुम्भ की पोल खुल गयी
भाषा और साहित्य
अडाणी 2027 तक ला सकते हैं एयरपोर्ट बिजनेस का IPO:देश की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर कंपनी है AAHL, इसके पास 8 एयरपोर्ट
देश-विदेश
लाइट,कैमरा,फोटो-सेशन
भाषा और साहित्य
अम्बेडकर ना कभी स्वतंत्रता के आंदोलन में रहे ना संविधान निर्माण में
जातिवाद / अवसरवाद
अहमदाबाद विमान हादसा, भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक जिंदा बचा: बाकी 241 यात्रियों की मौत, एअर इंडिया की फ्लाइट लंदन जा रही थी; पूर्व CM रूपाणी का भी निधन
देश-विदेश
Aa
Aa
India Speak DailyIndia Speak Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • सरकारें
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDEO Blog
    • Your Story
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speak Daily > Blog > धर्म > सनातन हिंदू धर्म > वाल्मीकि रामायण (भाग 4)
सनातन हिंदू धर्म

वाल्मीकि रामायण (भाग 4)

Courtesy Desk
Last updated: 2022/12/15 at 11:18 AM
By Courtesy Desk 260 Views 6 Min Read
Share
6 Min Read
SHARE

सुमंत विद्वांस । यज्ञ में आए सभी देवताओं ने ब्रह्माजी से प्रार्थना की कि वे किसी प्रकार रावण को मारने का उपाय करें और संसार को उस उद्दंड राक्षस के आतंक से मुक्ति दिलाएं।उनकी बात सुनने पर ब्रह्माजी कुछ सोचकर बोले, ‘देवताओं! उस दुरात्मा के वध का उपाय मेरी समझ में आ गया है। वह मैं आपको बताता हूँ। उसने मुझसे वरदान मांगते समय कहा था कि ‘मैं गंधर्व, यक्ष, देवता और राक्षसों के हाथों न मारा जाऊं।’

मनुष्यों को वह तुच्छ समझता है, इसलिए उसने वरदान मांगते समय उनका उल्लेख नहीं किया था। अतः अब मनुष्य के हाथों ही उसका वध हो सकता है। इसके अतिरिक्त और कोई उपाय नहीं है।’यह सुनकर सभी देवता बहुत प्रसन्न हुए।उसी समय भगवान विष्णु भी अपने गरुड़ पर सवार होकर वहां पहुंचे थे। सभी देवता अब उनके पास विनीत भाव से अपनी याचना लेकर गए।

देवताओं ने भगवान विष्णु से कहा कि ‘हे सर्वव्यापी परमेश्वर! हम तीनों लोकों के हित की कामना से आपके समक्ष यह अनुरोध लेकर उपस्थित हुए हैं कि आप मनुष्य के रूप में प्रकट होकर उस दुष्ट रावण का संहार कीजिए क्योंकि उसकी मृत्यु केवल मनुष्य के हाथों ही संभव है।वह राक्षस अकारण ही देवता, गंधर्व, सिद्ध, श्रेष्ठ, महर्षियों और अप्सराओं आदि सबको प्रताड़ित कर रहा है।

वह रावण बड़ा ही उद्दंड और अत्यंत अहंकारी है। साधुओं और तपस्वियों को वह बड़ा कष्ट देता है और स्त्रियों का अपहरण कर लेता है।उसने दीर्घकाल तक घनघोर तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न कर लिया था और उनसे यह वरदान मांग लिया कि देवता, राक्षस, यक्ष या गन्धर्व कोई भी उसे मार न सके।

More Read

अपने विद्यार्थियों की सफलता से होती है गर्व की अनुभूति!
उच्चैःश्रवा
प्रभु श्रीराम के इक्ष्वाकु वंश के राजा धुंधुमार
भगवान शंकर ने ही गुरु के रूप में शंकराचार्य का रूप धारण किया

मनुष्यों को वह तुच्छ समझता है इसलिए उसने वरदान में मनुष्यों का उल्लेख नहीं किया है। अतः केवल मनुष्य के हाथों ही उसकी मृत्यु संभव है।हम सब आपके समक्ष याचना लेकर आए हैं कि आप मनुष्य के रूप में अवतार लेकर इस कार्य को संपन्न करें और संसार को इस कष्ट से मुक्ति दिलाएं।’यह सुनकर करुणानिधान श्री विष्णु भगवान ने कहा, “हे देवताओं! तुम्हारा कल्याण हो।

तुम इस भय को अब त्याग दो। पुत्र प्राप्ति की कामना से ही राजा दशरथ इस समय यह यज्ञ यहां कर रहे हैं। अतः मैं इन्हीं को अपना पिता बनाकर स्वयं को चार स्वरूपों में प्रकट करूंगा और तुम सबका हित करने के लिए मैं रावण को उसके पुत्र, पौत्र, अमात्य, मंत्री और बन्धु बांधवों सहित युद्ध में मार डालूंगा।

अब तुम लोग इस विषय में निश्चिंत रहो।’इतना कहकर भगवान विष्णु अंतर्धान हो गए।उधर पुत्रेष्टि यज्ञ कर रहे राजा दशरथ के यज्ञकुंड से एक विशालकाय पुरुष प्रकट हुआ। उसका पूरा शरीर काले रंग का था। उसने लाल रंग का वस्त्र धारण किया हुआ था और उसके शरीर में इतना प्रकाश था, जिसकी कोई तुलना नहीं है।

उसकी आकृति सूर्य के समान थी और वह अग्नि की लपटों के समान चमक रहा था। अपने हाथों में वह सोने की एक बहुत बड़ी परात (थाली) पकड़े हुआ था, जो चांदी के ढक्कन से ढंकी हुई थी।उसने राजा दशरथ से कहा कि ‘मैं प्रजापति के लोक से और उनकी ही आज्ञा से यहां आया हूं। राजन! तुम देवताओं की आराधना करते हो, इसीलिए तुम्हें आज यह वस्तु प्राप्त हो रही है।

इस बर्तन में देवताओं की बनाई हुई खीर है। तुम इसे ग्रहण करो व अपनी योग्य पत्नियों को भी दो। ऐसा करने पर उनके गर्भ से तुम्हें अनेक पुत्रों की प्राप्ति होगी और इस यज्ञ को करने का तुम्हारा मनोरथ सफल होगा।’राजा ने प्रसन्नतापूर्वक वह थाल अपने हाथों में लेकर मस्तक पर धारण किया और फिर सम्मान-सहित उस दिव्य पुरुष की प्रदक्षिणा की।

इसके बाद वह अद्भुत पुरुष जैसे आया था, वैसे ही अचानक अंतर्धान हो गया।अब राजा दशरथ वह खीर लेकर अपने अंतःपुर में गए। उस खीर का आधा भाग उन्होंने महारानी कौशल्या को दे दिया। फिर बचे हुए आधे भाग में से आधा उन्होंने रानी सुमित्रा को दिया।

उसके बाद जितनी खीर बची थी, उसका आधा भाग उन्होंने रानी कैकेयी को दिया और अंत में जो भाग बचा था, वह भी कुछ सोच-विचारकर उन्होंने सुमित्रा को ही दे दिया।उचित समय पर उन तीनों रानियों ने गर्भधारण किया। उन्हें गर्भवती देखकर महाराज दशरथ को बड़ी प्रसन्नता हुई। अंततः उनका मनोरथ सिद्ध होने जा रहा था।(आगे अगले भाग में…)

(स्रोत: वाल्मीकि रामायण। बालकाण्ड। गीताप्रेस)(नोट: वाल्मीकि रामायण में इन सब घटनाओं को बहुत विस्तार से बताया गया है। मैं बहुत संक्षेप में केवल उसका सारांश ही लिख रहा हूँ। पूरा ही ग्रन्थ जस का तस यहाँ नहीं लिखा जा सकता, लेकिन अधिक विस्तार से जानने के लिए आप मूल ग्रन्थ को भी अवश्य पढ़ें।)

साभार

Related

TAGGED: maharishi valmiki, raja dashrath, Ramayan, ramayana, Valmiki Ramayan
Courtesy Desk December 15, 2022
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
Previous Article दोस्ती टूटने पर फेंका तेजाब !
Next Article वाल्मीकि रामायण (भाग 5)
Leave a comment Leave a comment

Share your CommentCancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

महाकुम्भ की पोल खुल गयी
अडाणी 2027 तक ला सकते हैं एयरपोर्ट बिजनेस का IPO:देश की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर कंपनी है AAHL, इसके पास 8 एयरपोर्ट
लाइट,कैमरा,फोटो-सेशन
अम्बेडकर ना कभी स्वतंत्रता के आंदोलन में रहे ना संविधान निर्माण में

You Might Also Like

SDeo blogसनातन हिंदू धर्म

अपने विद्यार्थियों की सफलता से होती है गर्व की अनुभूति!

May 22, 2025
सनातन हिंदू धर्म

उच्चैःश्रवा

May 8, 2025
सनातन हिंदू धर्म

प्रभु श्रीराम के इक्ष्वाकु वंश के राजा धुंधुमार

May 6, 2025
सनातन हिंदू धर्म

भगवान शंकर ने ही गुरु के रूप में शंकराचार्य का रूप धारण किया

April 28, 2025
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2025 - Kapot Media Network LLP. All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?