विपुल रेगे। गोथम शहर के रखवाले बैटमैन को दो साल से किसी ने नहीं देखा है। गोथम की सड़कों पर बेख़ौफ़ अपराध चल रहे हैं। एक रात नगर के मेयर की हत्या कर दी जाती है। मेयर को मारने वाला स्वयं को रिडलर बताता है। वह हत्या करने के बाद कुछ संकेत छोड़ता है और पुलिस को उसे हल करने की चुनौती देता है। रिडलर के सामने आने के बाद दो साल से गायब बैटमैन भी सामने आता है।
आज के दौर की फ़िल्में तीन घंटे की नहीं होती। अब तो हिन्दी में भी इतनी लंबी फ़िल्में बनाने का रिवाज़ नहीं रहा। हालाँकि तीन घंटे की द बैटमैन देखते हुए बहुत कम दर्शक ऊबकर अपने मोबाइल के नोटिफिकेशन चेक करते हैं। तीन घंटे की ये मर्डर मिस्ट्री दर्शक को उसकी कुर्सी से चिपकाकर रखती है। इस पर शोध हो सकता है कि एक लंबी डार्क मर्डर मिस्ट्री को दर्शक क्यों पसंद कर रहे हैं।
इस फिल्म के लिए चाहत इतनी है कि बहुत जल्दी ये ब्लॉकबस्टर की श्रेणी में शामिल हो जाएगी। फिल्म में बैटमैन का चरित्र सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। वह अपने अतीत से भयभीत नायक है। वह गोथम के अनैतिक होते समाज को देखकर नाराज़ है। उसका गुस्सा तब और बढ़ता है, जब वह देखता है कि शहर के रखवाले ही अपराध में लिप्त है।
रहस्यमयी हत्यारा केवल उन लोगों को मारता है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वह लाश के पास कुछ क्लू छोड़ देता है और उसमे बैटमैन का जिक्र अवश्य करता है। निर्देशक मैट रीव्ज़ ने अपनी अनूठी सिनेमाई शैली से बैटमैन को रचा है। उनके दृश्यों में अन्धेरा होता है। उनके कैमरा एंगल कई बार जानबूझकर धुंधले रख दिए जाते हैं। वे बैटमैन को सुपरहीरो नहीं दिखाते बल्कि उसे मानवीय कमज़ोरियों के साथ प्रस्तुत करते हैं।
फिल्म का नायक और खलनायक दोनों ही समाज से सताए हुए हैं। हालांकि नायक अब सत्य का साथ छोड़ना नहीं चाहता, वह हत्यारा बनकर अपराधियों को सजा देने में विश्वास नहीं करता है। बैटमैन और रिडल की लुकाछुपी को निर्देशक ने बहुत रुचिकर बनाया है। बैटमैन की भूमिका में रॉबर्ट पैटिनसन को देखना सुखद आश्चर्य लगता है। उन्होंने अपना व्यक्तित्व इस चरित्र के लिए कैसे परिवर्तित किया है, ये देखने योग्य है।
वे एक धुरंधर अभिनेता हैं। रॉबर्ट ने बैटमैन को अपने भीतर आत्मसात कर लिया है। उनके अभिनीत दृश्यों को देखना एक सुखद अनुभव है। निश्चित रुप से बैटमैन के लिए उनके रुप में एक योग्य अभिनेता का चयन किया गया है। फिल्म में एक्शन आवश्यकता के अनुरुप ही रखा गया है। पूरी फिल्म को एक्शन दृश्यों से नहीं भरा गया है। इसके चलते ये एक संतुलित फिल्म के रुप में प्रस्तुत होती है।
बैटमैन के साथ जोकर का होना आवश्यक होता है। जिन फिल्मों में जोकर नहीं होता, वहां शक्तिशाली खलनायक रखकर काम चलाया जाता है। द बैटमैन में जोकर की कमी रिडलर ने बखूबी पूरी की है। रिडलर की भूमिका पॉल फ्रेंकलिन डानो ने निभाई है। इस अमेरिकी अभिनेता को आज तक वह पहचान नहीं मिली, जो उन्होंने रिडलर का किरदार कर प्राप्त कर ली है।
रिडलर का अंडरप्ले उन्होंने सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। पॉल के होने से फिल्म में काफी वजन आ जाता है। जब पॉल ये भूमिका कर रहे थे, तो ये किरदार उनको मानसिक रुप से परेशान करने लगा था। वे शूटिंग के दौरान ठीक से सो नहीं पाते थे। द बैटमैन में एक चेसिंग दृश्य है। बैटमैन एक अपराधी का पीछा कर रहा है। इस लंबे और रोमांचकारी चेस सीन को देखने के बाद दर्शक के पैसे वसूल हो जाते हैं।
द बैटमैन एक डार्क मर्डर मिस्ट्री है। ये पूर्ण रुप से वयस्क दर्शकों के देखने के लिए हैं। ये बच्चों को पसंद नहीं आएगी। यदि आप बैटमैन के चरित्र से प्रेम करते हैं तो ये फिल्म आपके लिए ही बनाई गई है। इस सप्ताहांत थियेटर्स में अमिताभ बच्चन की झुण्ड के साथ बैटमैन प्रदर्शित हुई है। अपने विश्वव्यापी प्रदर्शन में अब तक ये फिल्म 2 बिलियन डॉलर से अधिक कलेक्शन कर चुकी है और दर्शकों की दीवानगी इसके लिए बढ़ती ही जा रही है।