विकासपुरी में बुधवार की रात एक उग्र भीड़ ने मामूली बात पर डॉक्टर पंकज नारंग की हत्या कर दी। कहा जाता है कि बुधवार की रात भारत-बंगलादेश मैच में भारत की जीत के बाद डॉ नारंग अपने बच्चे के साथ क्रिकेट खेल रहे थे। उनका बॉल गली से तेज गति से बाइक पर गुजर रहे कुछ लोगों को लगा, जिसके बाद डॉ नारंग ने उनसे माफी भी मांग ली। इसके कुछ देर बाद ही उक्त बाइक सवार बड़ी संख्या में भीड़ लेकर आ गए और उनके मकान पर हमला कर दिया और डॉ नारंग की पीट-पीट कर हत्या कर दी।
हमलावर विकासपुरी के ही केरला स्कूल के पीछे बसी इंदिरा कैंप, कृष्णा पार्क झुग्गी बस्ती के निवासी हैं। मुख्य अभियुक्त का नाम नासिर है। इस घटना में पुलिस ने जिन नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, उसमें नासिर,उसकी मां मेसर खान व उसका छोटा भाई अमीर खान भी शामिल है। इसके अलावा एक अन्य आरोपी आमिर खान व गोपाल को भी पुलिस ने गिरफतार किया है। जो सभी बालिग आरोपी पकड़े गए हैं, उनमें एक गोपाल को छोड़कर सभी मुस्लिम हैं और अब गोपाल को भी एक अभियुक्त की मां ने नासिकर का रिश्तेदार बताया है? जहां तक हमारी सूचना है अभी तक पुलिस ने नासिर व गोपाल के बीच की रिश्तेदारी के एंगल की जांच नहीं की है!
दूसरे आरोपी आमिर खान की मां सन्नो से हमने बात की है। बातचीत में आमिर की मां सन्नो ने बताया कि नासिर शुरू से ही झगड़ालू प्रव़त्ति का है। वह और उसका भाई दोनों मछली बेचने का काम करते हैं। सन्नो का कहना है कि उसका बेटा आमिर निर्दोष है। वह घटना वाली रात जल्दी सो गया था। पुलिस सुबह उसे लेकर गई कि एक हत्या के सिलसिले में पूछताछ करनी है। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सन्नो के अनुसार, उसके बेटे की कोई गलती नहीं है।
सन्नो ने एक नई जानकारी भी दी। सन्नो के अनुसार, नासिर व गोपाल रिश्तेदार हैं! एक हिंदू व मुस्लिम किस तरह रिश्तेदार हैं? इस सवाल के जवाब में सन्नो का कहना था कि गोपाल नासिर की बुआ सज्जो का मुंहबोला बेटा है। उनका कहना है कि गोपाल के मां-बाप नहीं है, उसकी नानी भी मर चुकी है इसलिए सन्नो ने उसे अपना बेटा बना दिया है। उसके मां-बाप या नाना-नानी कौन थे? इस बारे में सन्नो ने अनभिज्ञता जाहिर की।
दरअसल दिल्ली में बड़ी संख्या में जिन झुग्गी बस्ती में अवैध बंगलादेशियों के रहने की खबर आती रही है, उसमें विकासपुरी की यह झुग्गी बस्ती भी शामिल है । कई बार यह भी पता चलता रहा है कि बंग्लादेशी अपनी पहचान छुपाकर और हिंदू नाम रखकर अपना पहचान पत्र, राशनकार्ड आदि बनवा कर रह रहे हैं ताकि उन पर किसी को शक न हो। इंदिरा कैंप, राजीव कैंप नाम से कई ऐसे झुगगी कैंप कांग्रेस शासन में बसे, जो आज अपराध के अडडे में तबदील हो चुके हैं। दिल्ली में होने वाली चोरी, डकैती, छीनाछपटी, सेंधमारी, हत्या, बलात्कार- जैसे जघन्य अपराधों में बड़ी संख्या में बंगलादेशी घुसपैठियों की संलिप्तता समय-समय पर उजागर होती रही है, लेकिन चूंकि ये थौक वोट बैंक हैं, इसलिए इनकी पूरी जांच कराने और इन्हें राजधानी से बाहर निकालने का कार्य कभी पूरा नहीं हो सका है।
डॉ पंकज नारंग जिस कालोनी में रहते हैं,वहां के निवासी आकाशदीप का कहना है कि इंदिरा कैंप में बड़ी संख्या में बंगलादेशी घुसपैठिए अपनी पहचान छुपाकर रह रहे हैं। आरडब्ल्यू पदाधिकारी डॉ मल्होत्रा का कहना है कि इस कालोनी की जनसंख्या पिछले 20 साल में करीब 6 गुणा बढ़ गई है। आए दिन अपराध के वारदात होते रहते हैं। तेज बाइक पर चेन झपटमारी आदि की घटनाओं की सूचना कई बार विकासपुरी पुलिस को दी जा चुकी है, लेकिन वह कोई कार्रवाई नहीं करती है।
उधर दिल्ली पुलिस की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मोनिका भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि डॉक्टर पंकज नारंग की हत्या में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है. मोनिका ने टवीट किया कि “विकासपुरी के डॉक्टर की हत्या के नौ अभियुक्तों में से चार नाबालिग़ हैं. इसमें धार्मिक ऐंगल बिल्कुल नहीं है, जैसा कुछ लोगों द्वारा बताया गया था. हमारी अपील है कि शांति बनाए रखें।” एक और ट्वीट कर मोनिका ने कहा, “नौ अभियुक्तो में से पांच आरोपी हिंदू हैं. जिन दो लोगों ने पहले झगड़ा किया उनमें से एक हिंदू था. मुस्लिम अभियुक्त यूपी के हैं, न कि बांग्लादेश के।”
लेकिन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त या दिल्ली पुलिस के किसी पदाधिकारी ने यह सूचना सार्वजनिक नहीं की है कि किस तरह से नासिर और गोपाल आपस में रिश्तेदार हैं? और यदि गोपाल नासिर की बुआ का मुंहबोला लड़का है तो उसके पूर्व की पहचान क्या है? यही कारण है कि लोगों का संदेह गहरा रहा है कि कहीं राजनीतिक दबाव में पुलिस कुछ छुपाने की कोशिश तो नहीं कर रही है? कहीं एक बंगलादेशी को उत्तरप्रदेश का निवासी तो नहीं बताया जा रहा है? पुलिस को बयान जारी करने से पहले क्या इसकी गहराई से जांच नहीं करनी चाहिए थी? ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस को शीघ्र बयान जारी करने की हड़बड़ी थी!
विकासपुरी हत्याकांड का जिम्मेदार कौन
झुग्गी के वोट बैंक की आखिर क्या अहमियत है, यह दिल्ली के राजनीतिज्ञों से अधिक भला कौन समझता है? यूपी की अखलाक की मौत पर तत्काल वहां पहुंचने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, अभी तक डॉ पंकज नारंग की मौत पर खामोश हैं! दिल्ली के करदाताओं के पैसे से उन्होंने अखलाक की मौत पर सभी एफएम चैनलों पर विज्ञापन जारी किया था, लेकिन आज खुद उनके राज्य में एक व्यक्ति की मौत हो गई है- मौत की प्रकृति भी वही है! अखलाक भी भीड़ द्वारा मारा गया था और डॉ पंकज नारंग भी भीड़ द्वारा मारे गए हैं, लेकिन अखलाक की मौत पर झट से वहां पहुंचने वाले अरविंद केजरीवाल हों या फिर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी- डॉ नारंग की मौत पर दोनों खामोश हैं!
इसलिए दिल्ली पुलिस को इसे सांप्रदायिक रंग न देने की अपील जनता से नहीं राजनेताओं व मुख्यधारा की मीडिया से करना चाहिए, जो मरने वालों की जाति व धर्म देखकर दोहरा व्यवहार करते हैं! फिलहाल तो इसकी पड़ताल जरूरी है कि मुसलमान नासिर और हिंदू गोपाल के बीच सचमुच मानवता के नाते रिश्तेदारी है या फिर यह किसी बंग्लादेशी घुसपैठिए की पहचान छुपाने का एक गंभीर प्रयास है? देखते हैं, इसकी जांच हो पाती है या नहीं?
Web Title: Vikaspuri murder: Dr Pankaj Narang was dragged out of home, beaten to death
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