आज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है। उनको नमन। 🙏
परंतु एक सच यह भी है कि स्वामी विवेकानंद जी Freemasons Master थे। वह परीक्षा पास कर मास्टर बने थे। Freemasons society खुलकर इसकी घोषणा करता है, विवेकानंद जी की सब जगह Freemasonsnary मूर्ति लगाता है, (फोटो में दिए मूर्ति पर लिखे कंटेंट पढ़ें) इस पर लेक्चर आयोजित करता है।
इनके प्रभाव में ही विवेकानंद जी ने 50 साल के लिए हिंदुओं से सभी मूर्तियों को छोड़ देने की बात कही थी, जो आज संघ प्रमुख मोहन भागवत भी दोहरा रहे हैं और संयोग देखिए आज संघ परिवार विवेकानंद को ही हिंदुओं के समक्ष सबसे बड़े आदर्श के रूप में प्रस्तुत करता है।
वैसे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू भी फ्रीमेजन थे, इसलिए उनके थॉट प्रोसेस में सनातन धर्म से अधिक सेक्यूलरपन हावी था।
Freemasons क्या है, इस पर मेरी पूरी श्रृंखला है, जग्गी वासुदेव के संदर्भ में। जग्गी सहित वर्तमान के काफी हिंदू धर्म गुरु व कथावाचक भी फ्रीमेजनरी हैं।
वैसे मैं स्वामी विवेकानंद जी का बहुत आदर करता हूं, उनको पढ़ कर बड़ा हुआ हूं, परंतु जो बात हर विदेशी को पता है, सनातनियों को नहीं पता, इसलिए समाजशास्त्र के छात्र और पत्रकार के नाते कुछ तथ्य सामने रख रहा हूं। धन्यवाद।
#sandeepdeo