दो दशक में पहली बार भारतीय मंत्री के रूप में नॉर्थ कोरिया प्योंगयांग पहुंचे विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह का वहां के विदेश मंत्री ने भव्य स्वागत किया। इसे संयोग ही कहेंगे कि जब भारत के विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह नॉर्थ कोरिया में हैं और आज ही नार्थ कोरिया भारत से कूटनीतिक संबंध स्थापित होने का 45वां साल मना रहा है। 10 दिसंबर 1973 को ही भारत और नॉर्थ कोरिया के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित है। दूसरा संयोग यह है कि काफी उतार-चढ़ाव के बाद उत्तर कोरिया और अमेरिका के क शासनाध्यक्ष किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात भी होने वाली है। इस बीच वीके सिंह ने जब अपने पड़ोसी देशों में परमाणु प्रसार का मुद्दा जब उठाया तो नार्थ कोरिया का जवाब काफी सकारात्मक था। नार्थ कोरिया ने भारत को अपना मित्र देश बताते हुए कहा कि नार्थ कोरिया कभी भी भारतीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
North Korea has emphasised that "as a friendly country", it "will never allow any action that would create concerns for India’s security". Indian minister, VK Singh, who is in Pyongyang, highlighted India’s concerns on nuclear proliferation in the "neighbourhood". @htTweets
— sutirtho patranobis (@spatranobis) May 16, 2018
मुख्य बिंदु
* दो दशक बाद किसी भारतीय मंत्री के रूप में जनरल वीके सिंह दो दिन के दौरे पर पहुंचे नार्थ कोरिया
* नार्थ कोरिया में विदेश राज्यमंत्री जनलर वीके सिंह का हुआ भव्य स्वागत
जनरल वीके सिंह अपने दो दिवसीय आधिकारिक नार्थ कोरिया दौरे के तहत प्योंगयांग पहुंचे हैं। बताता दूं कि चीन के बाद नार्थ कोरिया ही भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक साझीदार है। वीके सिंह के साथ उनके समकक्षों की सौहर्द्रपूर्ण बात के साथ ही जिस प्रकार नॉर्थ कोरिया ने भारतीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता जताई है वह वाकई में भारतीय कूटनीति लिहाज से प्रशंसनीय है। फिर कई लोग हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेशनीति की आलोचना के बगैर नहीं रह सकते हैं। तभी तो मीडिया का एक वर्ग यह कहकर आलोचना करने में जुटा है कि वीके सिंह और उनके समकक्षों के साथ होने वाली बातचीत का मुद्दा स्पष्ट ही नहीं है। वे लोग ये सवाल नहीं उठाते कि जब कूटनीतिक संबंध स्थापित है तो फिर कांग्रेस ने अपने दस सालों के कार्यकाल के दौरान ऐसी कोई पहल क्यों नहीं की जिससे भारत की अहमियत विश्व राजनीति में बढ़ती।
#BREAKING ??#India's minister of state @Gen_VKSingh is in #NorthKorea?? to hold talks today. The highest level ministerial visit from India in 2 decades coincides with the sudden ramping up rhetoric from DPRK casting doubt over Trump-Kim summit. https://t.co/Az27F1tkBQ
— Devirupa Mitra (@DevirupaM) May 16, 2018
दोनों मंत्रियों के बीच हुई बातचीत के दौरान जहां नार्थ कोरिया ने हाल में वहां घटे घटनाक्रम से अवगत कराया वहीं भारतीय मंत्री ने कहा कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया और रिपब्लिक ऑफ कोरिया के नेताओं के बीच शांति के लिए होने वाले संयुक्त पहल का हमेशा समर्थन करेगा। क्योंकि भारत शुरू से ही शांति का समर्थक रहा है। इसके अलावा वीके सिंह ने अपने समकक्षों से कहा कि भारत दोनों कोरियाई देशों में शांति और समृद्धि स्थापित करने के हर प्रयास को प्रोत्साहन देगा। इसके अलावा भारत ने भारत से जुड़े सुरक्षा के खतरों से भी अवगत कराया। खासकर अपने पड़ोसियों के बीच परमाणु प्रसार को लेकर आगाह किया। इस पर नॉर्थ कोरिया के मंत्री ने कहा कि एक मित्र देश के रूप में भारत के खिलाफ किसी भी सुरक्षा थ्रेट को वह बर्दाश्त नहीं करेगा, न ही किसी को इसकी अमुमति ही देगा।
दोनों देशों के मंत्रियों ने आपस में व्यावसायिक शिक्षा, कृषि, औषधि, योग को बढ़ावा तथा पारंपरिक दवाओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय हित के साथ आपसी सहयोग और विस्तार की संभावनाओं की तलाश करने का फैसला किया है। इसके अलावा भी दोनों देशों के बीच शिक्षा और सास्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से लोक संपर्क को सक्षम बनाने पर सहमति जताई है।
URL: VK Singh first Indian minister to visit north korea in 20 years
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