संदीप देव। yohan Tengra नामक यूजर ने नोटबंदी पर साक्ष्य के साथ एक जबरदस्त थ्रेड लिखा था। (थ्रेड देखिए)
इस थ्रेड में जो साक्ष्य दिए गये थे वो बेहद चौंकाने वाले थे। बिल गेट्स के बिल एंड मिरांडा गेट्स फाउंडेशन का भारतीय प्रमुख रहा नचिकेत मोर 2013-2017 के बीच RBI के सेंट्र बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में में निदेशक था। (Pic1, 2 &3 देखिए)।



मनमोहन सरकार में जिसे चिदंबरम ने अप्वाइंट किया था, उसे मोदी सरकार ने अगले चार साल के लिए कंटीन्यू किया था। तो क्या RBI के नोटबंदी के निर्णय को बिल गेट्स ने इंफ्लूएंस किया था?
अब कभी अमेरिकी सांसद रही तुलसी ग्रेवार्ड का यह बयान पढ़िए (Pic4) कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एलिट माफिया डिजिटल करेंसी से कैसे आम जन के जीवन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं!

इसे एक भारतीय उदाहरण से समझिए, बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को देखिए जहां एक झटके में बिहार पुलिस ने उसका सारा एकाउंट सीज कर दिया और उसकी सारी इनफार्मेशन पब्लिक में जारी कर दी वो भी अदालत को सूचित किए बिना।(Pic 5)

अंत में नचिकेत मोर की RBI में उपस्थित और तुलसी के बयान को एक साथ पढ़िए तो आपको WEF( world Economic forum) का एजेंडा साफ-साफ दिखने लगेगा।
Fact तो Fact होता है और यह Fact है कि जब सरकार ने नोटबंदी का निर्णय (2016) लिया तो बिल गेट्स का एक प्रमुख व्यक्ति RBI की पॅलिसी मेकिंग में शामिल था! इस फैक्ट को कोई नहीं झुठला सकता!
RBI ने घोषित कर ही दिया है कि उसका अगला कदम डिजिटल करेंसी लाने का है। तो सवाल उठता है कि क्या वह भी WEF का कोई छुपा एजेंडा है? आखिर बिल गेट्स कुछ समय पूर्व ही RBI के गवर्नर शशिकांत दास से मिल कर और भारत के पेमेंट सिस्टम और डिजिटल लैंडिंग पर बात करके भी तो गये हैं? (Pic6)
