विपुल रेगे। टीवी से फिल्मों में आईं अभिनेत्री सुरवीन चावला दो कारणों से चर्चा में आ गई हैं। पहले तो उन्होंने खुलासा किया है कि बॉलीवुड के शुरुआती दिनों में उनको बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ा था। दूसरा कारण ये है कि हाल ही में उनकी वेबसीरीज प्रदर्शित हुई है। इसमें वे माधवन के साथ मुख्य भूमिका में दिखाईं दे रही है। प्रश्न सुरवीन की टाइमिंग पर उठ रहे हैं। क्या ये अपनी हालिया रिलीज फिल्म को चर्चा में लाने का पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं खेला जा रहा है।
इस बात से किसी को इनकार नहीं है कि फिल्म उद्योग में अभिनेत्रियों के साथ शारीरिक शोषण और बॉडी शेमिंग जैसी घटनाएं बहुत होती हैं। इनमे से कई बाहर आती हैं और बहुत सी दबी रह जाती है। कुछ अभिनेत्रियां साहस कर सामने आती हैं और अपने साथ हुए शोषण के बारे में बताती हैं। सुरवीन चावला का केस वैसा नहीं दिखाई देता, जैसा दिखाया जा रहा है।
सुरवीन के कॅरियर को देखे तो वें 37 वर्ष की हो चुकी हैं और एक अभिनेत्री के रुप में कॅरियर के उतार पर चल रही हैं। सुरवीन सन 2004 से मनोरंजन के क्षेत्र में सक्रिय है। उन्होंने अपना कॅरियर ‘कहीं तो होगा’ धारावाहिक से शुरु किया था। इसके अलावा उन्होंने कई सारी फ़िल्में भी की है। हालाँकि उनको बड़े रोल कभी नहीं मिले क्योंकि टेलीविजन में वे ओवर एक्सपोज हो चुकी थी।
सुरवीन ने बताया है कि मुंबई के शुरुआती दिनों में उन्हें बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ा। एक फिल्म के लिए हुई मीटिंग में उनसे वजन, कमर और सीने का माप भी पूछा गया था। स्पष्ट है कि सुरवीन सत्रह वर्ष पूर्व की घटना की बात कर रही हैं। प्रश्न तो उठता है कि इतने वर्ष तक वे मौन क्यों रहीं। जब उन्हें टीवी में काम मिलने लगा था, तब तो वे उस व्यक्ति के नाम के साथ खुलासा कर सकती थीं।
हालाँकि उन्होंने ऐसा नहीं किया। वें अपनी टेलीविजन सक्सेस और फिल्मों में अपना कॅरियर निर्बाध आगे बढ़ाती रही थीं। यदि हम तनुश्री दत्ता नामक अभिनेत्री की बात करें तो मानना होगा कि उन्होंने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार पर खुलकर लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने खुले तौर पर मीडिया के सामने आकर कहा था कि सन 2008 में नाना पाटेकर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। आज सुरवीन को भी यहीं करने की आवश्यकता है।
37 वर्ष की आयु में जब उनका कॅरियर ढलान पर है, ऐसे आरोप लगाना बड़ा ही अर्थपूर्ण प्रतीत होता है। आज सुरवीन जैसी आधुनिकाओं के सामने कोई डर या अड़चन नहीं है कि वे अपने साथ हुए शारीरिक शोषण पर चुप रह जाए। सुरवीन ने तो बॉलीवुड के साथ दक्षिण भारतीय सिनेमा पर भी प्रश्न उठाए हैं। उनका कहना है कि ऐसा तो साउथ की इंडस्ट्री में भी होता है।
अब तक ऐसे अनगिनत आरोप लगाए जा चुके हैं लेकिन अब तक कुछ ठोस निकलकर नहीं आया है। अधिकांश आरोप बिना नाम लिए लगाए जाते हैं और उनका उद्देश्य व्यावसायिक या प्रतिशोध होता है। अभिनेता आलोक नाथ के प्रकरण से आप परिचित होंगे। उन पर ‘मी टू’ कैम्पेन के तहत आरोप लगाए गए थे। हालाँकि वे आरोप ही रह गए और आगे कुछ सिद्ध न हो सका।
कम से कम उन महिलाओं ने उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुरुषों का नाम लेने का साहस तो दिखाया था। आज सुरवीन को सामने आकर बताना चाहिए कि उनके साथ किस व्यक्ति ने गलत व्यवहार किया था। जब वे ये कह सकती हैं कि उनके साथ गलत हुआ था तो उनको ये कहने में कैसा डर है कि किसने किया था।