महेंद्र पाल आर्य| भले ही आर्य समाजियों को यह बात अच्छी न लगे किन्तु सच्चाई यही है| आर्य समाज का जन्म हुवा 1875 में, उसके बाद ऋषि दयान्नंद जी ने एक कालजयी ग्रन्थ लिखा जिसका नाम सत्यार्थ प्रकाश है| इसी सत्यार्थ प्रकाश में अनेक मत्पन्थों की पुस्तकों की समीक्षा ऋषि दयानन्द जी ने किया है जिस के अंतिम समुल्लास में ऋषि ने कुरान पर समीक्षा लिखी है, और यह सिद्ध किया की यह धार्मिक ग्रन्थ नहीं है कुरान| यह कलामुल्लाह नहीं हो सकती इसी विषय को लेकर ऋषि जी की लिखी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश पर लोगों ने मुकदमा भी दायर किया सिंध से लेकर दिल्ली तक |
इसी केस का मैं एक जीता जागता साक्षी हूँ, पिछले दिनों दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में स्वामी अग्निवेश खलील खान और उस्मान गनी को लेकर सत्यार्थ प्रकाश पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रयास किया था| जिस केस को हमारे वकील श्रीमान विमल वधावन जी ने दिल्ली हाई कोर्ट लाया और जीत भी दिलवाई, आर्य समाज के अधिकारी मूक दर्शक बने रहे|
आर्य समाज के जन्म काल से कुरान ईश्वरीय ग्रन्थ नही है इस पर आर्य समाज के विद्वानों ने इस्लाम जगत के आलिमों से शास्त्रार्थ किया और इसी कारण शहीद भी हुए| फिर भी वो सफलता प्राप्त नही कर पाए जो आज सुदर्शन न्यूज़ चैनल के माध्यम से वसिम रिज़वी के उठाये सवालों को लेकर सम्पूर्ण विश्व में चर्चा हो रही है|
आर्य समाज वाले 156 साल में जो काम नही कर पाए वो काम भाई वसिम रिज़वी ने सुदर्शन न्यूज़ चैनल के मध्याम से कर दिखाया |आर्य समाज में बैठे पद लोलुप लोग मात्र संपत्ति पर अपना कब्ज़ा जमाकर बैठे है, ऋषि दयानन्द के नाम से ये लोग मात्र सम्पत्ति की कमाई को खा रहे है प्रचार कार्य इनका मानों समाप्त ही है इसका कारण खतरा कुर्सी छीन जाने का है|
मेरे विचार से आर्य कहलाने वालों को एक जुट होकर इन पद अधिकारियों को हटाना बहुत जरूरी है, कारण सार्वदेशिक सभा में बैठे स्वामी अग्निवेश के चेले है| जो अग्निवेश मरते दम तक भारत विरोधी, आर्य समाज विरोधी, वैदिक सिद्धांत विरोधी कार्य करते रहे आर्य समाजियों ने इस पर भी चिंतन और विचार नही किया जो सबसे पहला काम था|
बाकी हर एक प्रान्तीय सभा में बैठे अधिकारी भी आर्य समाज की आमदनी खाने के लिए बैठ गये, इन पर कोई नियंत्रण करने वाला नही है|अगर आर्य कहलाने वाले अभी भी संघबद्ध तरीके से इन पदाअधिकारीयों को न हटाये तो सत्यार्थ प्रकाश का प्रचार सम्भव ही नही है | सत्यार्थ प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक मात्र रास्ता है मीडिया तन्त्र, जो आज वसीम रिज़वी जी के द्वारा सुदर्शन चैनल के माध्यम से किया जा रहा है- और ये बहुत बड़ा काम है|
जो काम आर्य समाजियों को करना था आज वो काम एक शिया मुस्लिम के द्वारा हो रहा है | इस्लाम जगत के लोग चैनल में न आने को तैयार और न जवाब देने का सामर्थ्य, आप सभी आर्य बंधुओं से अनुरोध है के इस कार्यक्रम में मैं भी निरंतर भाग ले रहा हूँ, आप सभी लोग सुदर्शन न्यूज़ चैनल को रात्रि 8 बजे से 9 बजे तक के बिंदास बोल कार्यक्रम को अवश्य देखें |