सात साल बर्बाद कर दिये ,राष्ट्र का कुछ भी काम नहीं ;
कश्मीरी विस्थापित हैं लाखों, उनको अब तक धाम नहीं।
सात साल तक शिक्षामंत्री , गहरी निद्रा सोता रहा ;
राष्ट्र विरोधी पाठ्यक्रम है , उसको बालक पढ़ता रहा ।
सूचना और प्रसारण मंत्री , पता नहीं क्या करता रहा ?
बॉलीवुड में राष्ट्र विरोधी , पूरा एजेंडा चलता रहा ।
गुंडागर्दी बढ़ती जाती , भले लोग हो रहे शिकार ;
आक्रमणकारी के वंशज हैं ,अपराधी, गुंडे और मक्कार।
शहर या कस्बे ,बाग या सड़कें , सब दुश्मन के नाम हैं ;
भ्रष्टाचार की ये है लानत , तुष्टीकरण का काम है ।
जनता फिर भी माफ करेगी , फिर देगी तुझको अवसर ;
बस ये थोड़े काम करे तू , तभी मिले स्वर्णिम अवसर ।
कश्मीरी हिंदू घर वापस , फिर न कभी विस्थापन हो ;
भ्रष्टाचार हटा दे सारा , हरदम न्याय का शासन हो ।
गुंडों की हर छूट हो वापस ,जैसे मुफ्त में राशन ,शिक्षा ;
जो हैं अंधे ,लूले ,लंगड़े , केवल उन्हें ही देना भिक्षा ।
हजार वर्ष की जो थी गुलामी,उसके सारे प्रतीक हटाओ;
कितना अत्याचार हुआ था , ये सारा इतिहास पढ़ाओ।
सच्चा इतिहास पढ़ेंगे बच्चे , राष्ट्र के दुश्मन पहचानेंगे ;
दुश्मन को जब पहचानेंगे , तब ही उससे बच पायेंगे ।
अभी तो दुश्मन छिपे हुए हैं , धोखे से हमला करते हैं ;
मूलनिवासी भ्रम में रहते , आसानी से मरते हैं ।
तुझको सबने नेता माना , बहुमत प्रचंड भी तूने पाया ;
पर तू भी सेकुलरिस्ट बन बैठा,राष्ट्र ने अपना नेता खोया।
विकट परिस्थिति सामने आयी , संकट में है पूरा राष्ट्र ;
सारे राष्ट्रभक्त मिल बैठें और बनायें हिंदू राष्ट्र ।
हिंदू राष्ट्र बनेगा भारत , सारे संकट दूर हटेंगे ;
ऐसा होना बहुत जरूरी , वर्ना हिंदू बेमौत मरेंगे ।
“वंदे मातरम- जय हिंद”
रचनाकार :ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”