“संदीप-देव” का चैनल देखो
धर्म का अमृत छोड़ दिया है , मजहब की मदिरा पीता है ;
कितना घृणित अब्बासी-हिंदू , पशुओं सा जीवन जीता है ।
पशुतुल्य वो जीवन होता , केवल अपने लिये जो जीता ;
स्वार्थ-सिद्धि केवल मजहब की,भाड़ में जाये हिन्दू-जनता ।
लूटमार व मौज उड़ाना , ये ही इनका जीवन है ;
स्वार्थ, लोभ,भय, भ्रष्टाचार से , ओतप्रोत पूरा जीवन है ।
नाटक , नौटंकी , धोखेबाजी , झूठ , फरेब और मक्कारी ;
यही बोझ हैं अपने भारत के , करते धर्म से गद्दारी ।
हिंदू को गफलत में रखते , झूठा – इतिहास पढ़ाते हैं ;
धर्म के सबसे बड़े शत्रु हैं , हिंदू – मंदिर को लूटते हैं ।
धन-संपत्ति , भूमि सब लूटी और किया सरकारी-कब्जा ;
पर अब हिंदू जाग रहा है , वापस लेगा पूरा कब्जा ।
सोशल-मीडिया जगा रहा है , हिंदू-चेतना जाग रही है ;
हिंदू उठकर खड़ा हो रहा , चोरों की किस्मत फूट रही है ।
अबकी चुनाव में अब्बासी-हिंदू का,पूरी तरह सफाया होगा;
जितने पाप किये हैं उसने , पूरा – पूरा निर्णय होगा ।
लेकिन दिया जो बुझने वाला , अंतिम बार तो भभकेगा ;
डेढ़ – वर्ष जो शेष बचे हैं , पूरा विनाश कर जायेगा ।
इस विनाश से बचना है तो , हिंदू सदा जागते रहना ;
धर्म – युद्ध ही इसको मानो , शूरवीरता से लड़ना ।
स्वर्णिम-अतीत को याद करो, सच्चे-इतिहास को पढ़ना है ;
रामायण , गीता , महाभारत , पढ़ना और पढ़ाना है ।
शस्त्र-शास्त्र का पूर्ण – प्रशिक्षण , हर-हिंदू को लेना है ;
“संदीप-देव” का चैनल देखो , सही मार्ग मिल जाना है ।
सही मार्ग जब हमें मिलेगा , निश्चय ही लक्ष्य को पाना है ;
जागा हिंदू है सिंह सरीखा , दुश्मन डर कर भग जाना है ।
लोकतंत्र में परमावश्यक , अच्छी सरकार का होना है ;
हिंदू ! इसमें ही लग जाओ , अच्छी सरकार बनाना है ।
दलों के दलदल से बाहर निकलो , सर्वश्रेष्ठ ही पाना है ;
सर्वश्रेष्ठ दल “इकजुट-जम्मू” ” इकजुट-भारत” हो जाना है ।
इकजुट-जम्मू ,इकजुट-हिंदू , इकजुट-भारत इसे बनाओ ;
सारे कष्ट मिटें हिंदू के , देश को “हिंदू-राष्ट्र” बनाओ ।
यही मार्ग हिंदू की मुक्ति का , और नहीं है कोई दूजा ;
धर्म से पूरा शासन होगा , अब्बासी-हिंदू तू भाड़ में जा ।