अर्चना कुमारी । जहांगीरपुरी हनुमान जयंती शोभायात्रा पर हमला करने वाला अंसार तथा अन्य आरोपियों को जय श्री राम नारे से चिढ़ है। जहांगीरपुरी हिंसा में बड़ा खुलासा यह हुआ है कि मौके पर अंसार मस्जिद के इमाम के फोन किए जाने पर वह पहुंचा था। उस वक्त मस्जिद में मौजूद लोग रोजा खोलने की तैयारी कर रहे थे लेकिन उन लोगों ने जैसे ही जय श्री राम के जयकारे और डीजे सुने तब वह गुस्से में आकर अंसार को बुलावा भेजा ।
पकड़े जाने के बाद पुलिस कस्टडी में अंसार तथा अन्य आरोपियों ने कहा कि उसे इस घटना को लेकर कोई पछतावा नहीं है । उसका कहना था कि उसने मस्जिद के सामने जय श्री राम नारे के लगाने वाले को रोका था क्योंकि उन लोगों को इस नारे से चिढ़ है।
सवाल है इस तरह के नफ़रती लोगों से- क्या देश के हिंदू जनमानस बेवक़ूफ़ हैं जो सालों से हर रोज़ दिन में पाँच बार अल्लाह-ओ-अकबर सुनते हैं। इन के अंदर हिन्दुओ के लिए घृणा और दुर्भावना ही कूट कूट कर भरी है, जबकि इस हमले का मास्टरमाइंड का इलाके में सट्टा का बड़ा कारोबार है । वह मकान पर कब्जा करने से लेकर इलाके में रंगदारी वसूलते रहा है। पुलिस के संरक्षण में उसका कारोबार अब तक फलता फूलता रहा है ।
सूत्रों का दावा है कि जहांगीरपुरी के कई पुलिसकर्मी अंसार से रिश्वत लेकर मालामाल हो गए जबकि अंसार कथित तौर पर दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी का जहांगीरपुरी एरिया का बड़ा मुस्लिम नेता था। वह अपने इलाके में दिन-ब-दिन अवैध काम का काला साम्राज्य बढ़ाता चला गया और इस काम में उसकी पुलिस तथा अन्य सरकारी प्रशासन ने हर संभव मदद की थी ।