ब्रजेश सिंह सेंगर:-
हिंदू – परिवारों को तोड़ रहे हैं , भारत के काले – कानून ;
अब्राहमिक ग्लोबल एजेंडा , जिसने बनवाये ये कानून ।
तथाकथित हिंदूवादी – दल , धर्म – सनातन छोड़ चुका है ;
धन-दौलत सत्ता-लिप्सा में , अय्याशी को पकड़ चुका है ।
समलैंगिकतावादी मातृ – संस्था , कभी नहीं ये सुधरेगी ;
सौ बरस होने को आये , पर लगता है न संभलेगी ।
इनका डीएनए बिगड़ चुका है , म्लेच्छों का है सम्मिश्रण ;
बलात्कार पीड़िता के वंशज , मत दो इनको देश का रक्षण ?
अपनी पत्नी छोड़ चुके हैं , सबका दाम्पत्य मिटाते हैं ;
अब्बासी – हिंदू भारत के नेता , काले – कानून बनाते हैं ।
वर्जनाहीन इनका जीवन है , नार-परायी ये तकते हैं ;
पति-पत्नी को अलग कराते , ऐसे कानून बनाते हैं ।
शासन करना इन्हें न आता , केवल लूटमार करना आती है ;
सदा ही डग्गामारी करते , लूटखसोट बहुत भाती है ।
कानून बनाकर रिश्वत लेते , चंदे का धंधा कर डाला ;
काली-कम्पनियां ठेका पातीं , घटिया-निर्माण करा डाला ।
सड़के टूटें , पुल भी टूटें , एयरोड्रोम तक गिरते हैं ;
मंदिर टूट बने गलियारा , तीर्थ – स्थल सब मिटते हैं ।
धर्म – सनातन से चिढ़ इनको , क्योंकि मर्यादा न भाती ;
“मर्यादा-पुरुषोत्तम श्रीराम” न भाते, झूठी प्राण-प्रतिष्ठा होती ।
“राम” के सबसे बड़े ये दुश्मन , इनके आगे रावण भी फीका ;
देश की सीता ये हर लेंगे , काले-कानून मारीच है इनका ।
हिंदू – धर्म मिटा देने की , इनको मिली सुपारी है ;
लोभ-लालच इस कदर बढ़ चुका , पूरे-भारत की बारी है ।
नहीं हुआ जो अपने धर्म का , देश-राष्ट्र का वो क्या होगा ?
वो तो होगा अब्बासी-हिंदू , मानवता का दुश्मन होगा ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , सारे हिंदू ! जग जाओ ;
धर्म बचाने आगे आओ व अच्छी – सरकार बनाओ ।
हिंदू ने अब तक धोखा खाया , अच्छा नहीं था कोई दल ;
पर अब आया सर्वश्रेष्ठ-दल , “एकम् सनातन भारत” दल ।
भारतवर्ष बचाना हमको , अच्छी – सरकार बनाना है ;
जी जान से सबको जुटना होगा,एकम् सनातन भारत लाना है
केवल अच्छी-सरकार देश के , काले-कानून हटा सकती है ;
घर – परिवार कभी न टूटे , ऐसे कानून बना सकती है ।
धर्मनिष्ठ व कर्तव्यनिष्ठ दल , अच्छे – कानून बनायेगा ;
“एकम् सनातन भारत” का प्रण है ,“राम-राज्य” को लायेगा ।
“जय सनातन-भारत”, रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”