सीता माता को लेकर एक फिल्म की अचानक हुई घोषणा ने सबको चौंका कर रख दिया है। बॉलीवुड से घोषित हुई इस फिल्म का नाम ‘सीता द इंकार्नेशन’ है। प्रसिद्ध स्क्रीनप्ले लेखक के. वी. विजयन प्रसाद को फिल्म लेखन और मनोज मुंतशिर को फिल्म के संवाद लिखने के लिए कहा गया है। पढ़ने में ये सुखद समाचार लग सकता है लेकिन जब हम इसकी तह में जाते हैं तो कुछ संदिग्ध सा दिखाई देता है। जैसे एक पीरियड फिल्म में सीता के किरदार के लिए करीना कपूर और आलिया भट्ट से संपर्क साधा जा रहा है।
विपुल रेगे
केवल करीना कपूर और आलिया भट्ट की मुख्य भूमिका के लिए चर्चा चलने भर से हम मामले को संदिग्ध नहीं मान सकते हैं। इन दोनों का चयन तो वैसे भी कोई बुद्धिमान निर्देशक सीता के चरित्र को निभाने के लिए नहीं करेगा। इस तरह के किरदार के लिए सर्वथा नया चेहरा ही दर्शकों में जादू जगा सकता है।
इस फिल्म से जुड़े कुछ पक्षों को ध्यान से देखने और समझने की आवश्यकता है। केवल विजयन प्रसाद और मनोज मुंतशिर के नाम से ही मोहित मत हो जाइयेगा। सबसे पहले फिल्म के निर्देशक के बारे में जानते हैं। निर्देशक ‘कैप्टन ऑफ़ द शिप’ होता है। करोड़ों की लागत से बनने जा रही इस फिल्म के निर्देशक अलौकिक देसाई हैं।
आपको ये नाम नया लगेगा। इन महाशय की फिल्मों की सबसे प्रतिष्ठित वेबसाइट आईएमडीबी पर कोई जानकारी ही नहीं है। आईएमडीबी में अलौकिक की रेटिंग भी निम्न स्तर की दिखाई गई है। इन निर्देशक महोदय ने तीन फ़िल्में बनाई हैं, जो आज तक प्रदर्शित नहीं हुई है। क्या कोई प्रोडक्शन हॉउस सीता जैसे मेगा प्रोजेक्ट के लिए ऐसे निर्देशक का चयन कर सकता है?
कोई समझदार निर्माता तो इस प्रोजेक्ट के लिए एस. राजामौली जैसे निर्देशक के पास जाएगा। आखिर उसे अपनी लागत वसूल कर लाभ कमाना है। एक बार हम मान सकते हैं कि अलौकिक एक डमी निर्देशक हैं, जिनके कंधे पर विजयन प्रसाद इस फिल्म का निर्देशन कर दे। मैं यहाँ एक संभावना जता रहा हूँ।

एक अनुभवहीन निर्देशक को सीता माता के प्रोजेक्ट के लिए लेने का और क्या कारण हो सकता है। अब इस फिल्म के निर्माता और प्रोडक्शन हॉउस की बात करते हैं। सीता-द इंकार्नेशन’ जिस प्रोडक्शन हाउस द्वारा बनाई जा रही है, उसका नाम ‘ह्यूमन बिंग स्टूडियो प्रोडक्शन’ है। इस प्रोडक्शन को संचालित करने वाले प्रेम राज जोशी हैं।
प्रेम राज जोशी ने अपने कॅरियर में एक ही फिल्म ‘माय क्लाइंट्स वाइफ’ का निर्माण किया है। सन 2020 में एक आदमी पहली बार लाइम लाइट में आता है और ठीक एक साल बाद इतना सक्षम हो जाता है कि बड़े नामों को लेकर एक बड़े बजट की पौराणिक फिल्म का निर्माण कर सके?
एक पौराणिक फिल्म बनाने का बजट आम फिल्म बनाने के बजट से चार गुना बढ़ जाता है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ‘ह्यूमन बिंग स्टूडियो प्रोडक्शन’ की वेबसाइट अब तक अंडर कंस्ट्रक्शन है, जबकि उन्होंने एक बड़ी फिल्म की घोषणा मीडिया के माध्यम से की है। इंटरनेट के इस युग में आप ‘ट्वीटर’ पर नहीं हैं, तो आप अदृश्य हैं।
विशेष रुप से मनोरंजन के क्षेत्र में तो ये आवश्यक टूल है। ह्यूमन बिंग स्टूडियो प्रोडक्शन ट्वीटर पर भी नहीं है और न इसे चलाने वाले प्रेम राज इस पर पाए जाते हैं। फिल्म के प्रचार की सारी जिम्मेदारी निर्देशक अलौकिक उठा रहे हैं। और अब समाचारों में आ रहा है कि करीना कपूर से सीता के किरदार के लिए संपर्क किया गया है।
यदि वे नहीं मानतीं तो आलिया भट्ट अगली पसंद होंगी। क्या कोई और इस प्रोडक्शन का असली मालिक है जो प्रेम राज के कंधों पर बंदूक रखे हुए हैं? अचानक से इस फिल्म की घोषणा क्यों की गई है? ऐसी बड़ी फिल्म के लिए लचर निर्देशक क्यों चुना गया? मैंने सुना है केंद्र सरकार की एक समिति है जो बन चुकी और बन रही फिल्मों की विषयवस्तु की जाँच करती है।
प्रकाश जावड़ेकर की समिति के लिए ये बड़ा ही दिलचस्प मामला है। इसकी जाँच हो जाए तो संभव है प्रवर्तन निदेशालय को भी इसकी जाँच में शामिल होना पड़े। सबसे बड़ी जांच होनी चाहिए कि ऐसी लचर टीम पर इतना पैसा कौन लगा रहा है? ये वह महत्वपूर्ण प्रश्न है जो इस फिल्म से जुड़े इस छोटे से शोध से उपजा है। सैकड़ों बार कहते हैं, फिर कहेंगे, जागिये जावड़ेकर साहेब।