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India Speaks Daily > Blog > इतिहास > अनोखा इतिहास > ऐसा क्या हुआ था कि हिटलर की मौत के बाद जर्मनी में हजारों लोगों ने आत्महत्या कर ली थी?
अनोखा इतिहास

ऐसा क्या हुआ था कि हिटलर की मौत के बाद जर्मनी में हजारों लोगों ने आत्महत्या कर ली थी?

Courtesy Desk
Last updated: 2023/03/17 at 8:11 PM
By Courtesy Desk 56 Views 3 Min Read
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Suicide Wave: जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर का नाम तो आपने सुना ही होगा. द्वितीय विश्वयुद्ध के आखिरी समय में इस नाज़ी तानाशाह ने खुद को गोली मार ली थी. हिटलर के साथ कई बड़े नाज़ी नेताओं ने भी खुदकुशी कर ली थी. हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को खुदकुशी की थी, जिसके बाद नाज़ी जर्मनी ने 8 मई को आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद जर्मनी में एक अजीब-सी स्थिति बनी और हजारों जर्मन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने आत्महत्या कर ली. इसे सामूहिक आत्महत्या लहर या मास सुसाइड वेव के नाम से जाना जाता है.

Contents
क्या थी वजह? सुसाइड वेव का ज़िक्र मना था?

इस सुसाइड वेव का जिक्र करने में सबको हिचकिचाहट रहती थी, लेकिन साल 2015 में इस विषय पर जब एक जर्मन किताब छपी तो बेसटसेलर बुक बन गई. इतिहासकार फ्लारियन हूबर की इस किताब को ‘प्रॉमिस मी यू विल शूट योरसेल्फ’ नाम से प्रकाशित किया गया है. जिसमें इससे जुड़े सनसनीखेज प्रसंगों का खुलासा किया गया है.

क्या थी वजह? 

साल 2015 में एक इंटरव्यू में किताब के लेखक हूबर ने कहा था कि उस दौरान सोवियत यूनियन को जर्मनी के दुश्मन के तौर पर देखा जा रहा था. सोवियत की सेना को लाल सेना के नाम से भी जाना जाता था. हिटलर की मौत के बाद जर्मनी की जनता में खौफ फैल गया था कि लाल सेना उनके साथ हत्या, बलात्कार और घिनौन अत्याचार करेगी. इसी डर के मारे लोग खुदकुशी करने पर मजबूर हो गए थे.

हूबर ने अपनी किताब में भी इसी तरह की बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि लोगों को महसूस होने लगा था कि लाल सेना के इस आशंकित अत्याचार से बचने का एकमात्र रास्ता खुदकुशी करना है था. खुदकुशी के तरीकों में ज्यादातर डूबकर, खुद को गोली मारकर, फंदे से झूलकर या जहर खाने को अपनाया गया था.

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सुसाइड वेव का ज़िक्र मना था?

अंग्रेज़ी में छापते हुए प्रकाशकों ने हूबर की किताब के बारे में लिखा है कि यह एक अनकही और अनसुनी कहानी है. इसके अलावा गार्जियन नाम के एक अंग्रेज़ी मीडिया समूह ने लिखा है कि साल 2009 में इस विषय पर एक यूरोपीय इतिहासकार क्रिश्चियन गॉशेल ने भी किताब लिखी थी. लेकिन हूबर का कहना है कि उनकी किताब छपने के दौरान तक जर्मनी में इस विषय पर बात करने में एक हिचक देखने को मिलती थी. 

साभार

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TAGGED: after Hitler's death, german women, Germany, germany history, Hitler's
Courtesy Desk March 17, 2023
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