रविवार (20 जून 2021) को यूपी एटीएस द्वारा एक ऐसे गिरोह को पकड़ा गया, जिस पर हजारों गैर-मुस्लिमों के धर्मांतरण का आरोप है। गाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती ने इस खुलासे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। स्वामी नरसिंहानंद ने कहा कि ये गिरोह भारत में गृहयुद्ध की तैयारी कर रहा था।
डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद सोमवार (21 जून, 2021) बनारस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। धर्मनगरी काशी में प्रेस को सम्बोधित करते हुए डासना देवी मंदिर के महंत ने कहा, “यूपी एटीएस ने जहाँगीर आलम और उमर गौतम नाम के जो दो मौलवी पकड़े गए हैं। इनका बहुत बड़ा गिरोह है जो हिन्दुओं को एक बड़ी साज़िश के तहत बहला-फुसला कर मुस्लिम बना रहा है।”
महंत ने याद दिलाया कि इस गिरोह का सुराग उन दोनों व्यक्तियों से मिला था, जो हाल ही में मंदिर परिसर में उन्हें मारने के इरादे से घुस आए थे और मन्दिर में मौजूद शिष्यों द्वारा पकड़ कर पुलिस को सौंप दिए गए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हिन्दुओं का अवैध धर्म परिवर्तन कराने वाला यह गिरोह गृहयुद्ध की तैयारी कर रहा था और दुर्भाग्य की बात है कि हिन्दुओं में सभी लोग इस बात को जानते हैं मगर कोई चर्चा नहीं करना चाहता।
‘प्यासा आसिफ़’ प्रकरण से चर्चा में आए डासना देवी मंदिर के महंत ने कहा कि जिस व्यापक पैमाने पर यह गिरोह हिन्दुओं का धर्मांतरण करवा रहा है और धर्मांतरित लोगों से अपराध करवा रहा है, इस मामले की बड़ी ही गंभीरता से जाँच होनी चाहिए।
यूपी एटीएस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करा रहा था
यूपी एटीएस को धन्यवाद देते हुए महंत नरसिंहानंद ने कहा, “ये सारी बातें जो आज जाँच में सामने आ रही हैं, मैं लोगों को बहुत समय पहले से बताता आ रहा हूँ और मैं लम्बे समय से इसकी जाँच की माँग कर रहा हूँ, इसलिए मैं यूपी एटीएस को धन्यवाद देता हूँ जो लगातार जाँच करते हुए इस बड़े षड्यंत्र की परतें प्याज की तरह उतार रही है।”
प्रेस के माध्यम से डासना देवी मंदिर के महंत स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती ने हिंदुओं से अपील करते हुए कहा, “मेरी हत्या की कोशिश तो ये लोग करते ही रहेंगे, लेकिन अपने विरुद्ध होने वाले इन षड्यंत्रों को हिन्दू समाज समझे। इन लोगों ने हजारों हिन्दुओं को मुस्लिम बना दिया और कहीं चर्चा तक नहीं हुई और किस तरह इन्ही धर्मांतरित हिन्दुओं के द्वारा मेरी हत्या की साज़िश का भी षड्यंत्र रचा गया, ये बहुत गहराई से समझने वाली बात है।”
उन्होंने कहा कि उम्मीद है हिन्दू अब इन बातों को समझेंगे और नहीं समझे तो मिट जाएँगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रविवार को जहाँगीर आलम एवं मोहम्मद उमर गौतम को गिरफ्तार किया है।
अवैध धर्म-परिवर्तन की साज़िश में पकड़े गए इन आरोपितों के तार उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले के डासना देवी मंदिर के महंत स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के प्रयास की साजिश से भी जुड़े हैं।
महंत की हत्या की साज़िश से हत्थे चढ़ा गिरोह
गौरतलब है कि इसी गैंग से जुड़े दो व्यक्ति- विपुल उर्फ रमज़ान और काशिफ़ 2 जून, 2021 की शाम को डासना देवी मंदिर परिसर में अवैध रूप से घुसे थे। कथित रूप से दोनों व्यक्ति मन्दिर के महंत स्वामी नरसिंहानंद की हत्या के इरादे से आए थे। उनके पकड़े जाने के बाद ही इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ।
महंत की हत्या करने के इरादे से आए दोनों आरोपितों से पूछताछ और पुलिस जाँच में इस बात का सनसनीखेज खुलासा हुआ था कि दोनों आरोपित विपुल (रमज़ान) तथा कासिफ धर्म परिवर्तन कराने वाले एक बड़े गिरोह से संबंध रखते हैं, जिसने सुनियोजित योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कई शहरों और गाँवों में हज़ारों हिंदुओं का धर्मांतरण करवाया है।
विपुल (रमज़ान) तथा कासिफ महंत नरसिंहानंद की हत्या के इरादे से मंदिर में घुस आए थे
उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सबसे पहले जामिया नगर दिल्ली के रहने वाले मुख्य आरोपित मोहम्मद उमर गौतम को पकड़ा।
मोहम्मद उमर से पूछताछ में प्राप्त जानकारी के आधार पर रविवार (20 जून, 2021) को उसके एक और साथी जहाँगीर आलम की गिरफ्तारी हुई। मामले में इस्लामी दावह सेंटर (IDC) नामक संस्था का भी नाम आ रहा है। मोहम्मद उमर गौतम स्वयं भी हिंदू से इस्लाम धर्म में परिवर्तित हुआ है।
पुलिस के पास 1,000 धर्मांतरितों की सूची
पुलिस के पास अब तक 1,000 लोगों की सूची उपलब्ध है, जिनका या तो डरा-धमका कर या लालच देकर इस्लाम में धर्मांतरण कराया गया है। पुलिस ने बताया कि ये गिरोह लोगों के मन में उनके मूल धर्म के प्रति द्वेष का भाव पैदा करके तथा देश विरोधी नीति के तहत उनका धर्म परिवर्तित कराता है।
उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों, जैसे- नोएडा, कानपुर, मथुरा, काशी में यह गिरोह सक्रिय था। इसके साथ ही देश के अन्य प्रदेशों में भी यह गिरोह कार्य कर रहा है। उमर ने स्वयं ही यह स्वीकार किया है कि उसने अब तक लगभग हज़ार गैर-मुस्लिमों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराया है।
मूक-बधिर बच्चे एवं महिलाएँ मुख्य शिकार
इस गिरोह का मुख्य शिकार मूक-बधिर बच्चे तथा महिलाएँ हैं। जाँच में सामने आया कि इस गिरोह नें नोएडा डेफ सोसाइटी जनपद गौतमबुद्ध नगर में मूक-बधिरों के एक स्कूल के बच्चों को नौकरी, शादी, पैसे के प्रलोभन देकर इस्लाम में परिवर्तित कराया। हैरानी की बात ये है कि बच्चों के परिजनों तक को इस मामले में कोई जानकारी नहीं थी।
मामला प्रकाश में तब आया जब आदित्य गुप्ता नाम के एक मूक-बधिर छात्र के पिता ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत कानपुर के कल्याणपुर थाने में कराई। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे का इस्लाम में परिवर्तन कर उसे दक्षिण के किसी राज्य में ले जाया गया। इसके विषय में बच्चे ने मोबाइल से वीडियो कॉल कर के उन्हें स्वयं जानकारी दी।
ऐसे ही एक अन्य मामले में हरियाणा के रहने वाले राजीव यादव ने बताया कि उसी स्कूल में पढ़ने वाला उनका बच्चा मन्नू यादव है, जिसका बिना परिजनों की जानकारी एवं सहमति के इस्लाम में परिवर्तन करा दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भारी फंडिंग
इस पूरे गिरोह को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भारी मात्रा में धन उपलब्ध कराया जा रहा था। इस कार्य के लिए इनका कार्यालय इस्लामिक दवाह सेंटर (IDC) जामिया नगर के जोधाबाई एक्सटेंशन में स्थित था। इसी कंपनी के बैंक खाते में ISI समेत कई विदेशी संस्थाओं द्वारा पैसा भेजा जाता था।
मुख्य आरोपित मोहम्मद उमर गौतम द्वारा समस्त आरोपों को स्वीकार किया गया है, तथा उसने विस्तार से बताया कि वे कई चरणों में धर्म परिवर्तन की इस प्रक्रिया को अंजाम देते थे। उमर ने कहा कि उनका मुख्य निशाना गरीब बच्चे महिलाएँ व दुर्बल वर्ग ही रहा है।
पूरे मामले पर दोषियों के विरुद्ध आईपीसी की 419, 420, 295A, 505 एवं 506 जैसी कई धाराओं के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है।