जीन थेरेपी और सेल इंजीनियरिंग की विशेषज्ञ, “viral : The search for the origin of covid -19 की सह लेखिका “डॉ अलीना चान ” एक कैनेडियन मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट है l उन्होंने ब्रिटेन की संसद के एक पैनल को बताया की कोरोना वायरस “वुहान लैब” में तैयार किया गया था इसके पुख्ता प्रमाण है l कोरोना महामारी , कोरोना वायरस की एक खास फीचर “फ्यूरीन क्लीवेज साइट” के कारण थी ,और यह लैब जनित है I इसके प्राकृतिक होने के कोई भी प्रमाण अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं l
इससे पूर्व में वुहान लैब में कार्य कर चुकी “चीनी वायरोलॉजिस्ट ली मिंग “जो अब भूमिगत हैं ने विस्तार से बताया कि P L A द्वारा संचालित वुहान लैब में जैविक की युद्ध की तैयारियां की जा रही है I ली मिंग ,के अलावा फ्रांस के बायोमेडिकल प्रोफेसर GIUSEPPE TRITTO, ब्रिटिश प्रोफेसर Angus DALGLEISH व नार्वे के वैज्ञानिक BIRGER SORSEN ने वायरस के लैब में तैयार किए जाने के ठोस प्रमाण प्रस्तुत किए हैं I
दुर्भाग्य है की W H O जैसी संस्था जब चीन के हाथों गिरवी हो, तो न्याय की संभावना समाप्त हो जाती है I अतः चीनी वाइरस घड़ी – दर – घड़ी नये – नये रूप , SARS से COVID 19 ALFA ,BETA DELTA से OMICRON तक , तथा भविष्य के अनंत रूपों को अपने में समाहित किए हुये आधुनिक सभ्यता को परत – दर – परत नष्ट करने को प्रतिज्ञाबध दिखाई देताहै।
युद्धों से समस्याओं का समाधान निकालना मध्य युगीन बर्बर युग में पुनः प्रवेश करना है I युद्ध चाहे परम्परागत सैन्य युद्ध हो, या फिर आधुनिक हाइब्रिड युद्ध I युद्ध हमसे सभ्यता की पर्तें छिन कर हमारे भीतर की आदिम बर्बरता को नंगा कर देता है l वह हमें ऐसा नायक बनने को बाध्य करता है जो अपनी मृत्यु में विश्वास नहीं करता है l वह निर्दोष अजनबियों को अपना शत्रु मान बैठता है, उनको धोखे से मौत के घाट उतार देने में अपनी मर्दानगी समझता है l वह अपने प्रिय जनों को मौत की परवाह न करने की सीख देता है l
सभ्य समाजों की पहली शर्त है न्याय I न्याय यानी यह आश्वस्त करना कि जो कानून बना है,उसे किसी व्यक्ति, संस्थान या राष्ट्र के पक्ष में तोड़ा नहीं जायेगा I इससे बढ़ कर न्याय की मर्यादा कुछ नहीं हो सकती है I यदि न्याय की आशा समाप्त हो जाय तो, सभ्यता में बर्बर युग की शुरुआत हो जाती है I
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