चरित्रहीन जो हिंदू होते , उन्मुक्त-सेक्स के मतवाले ;
हिंदू-धर्म इन्हें न भाता, अब्राहमिक मजहब के मत वाले ।
ये ही होते वामी , कामी , जिम्मी और सेक्युलर हैं ;
पिता व चाचा गांधी – नेहरू , राष्ट्र के पक्के ट्रेटर हैं ।
भारत का दुर्भाग्य यही है , सभी जगह ये छाये हैं ;
शिक्षा , मीडिया, राजनीति में , शासन-तंत्र में छाये हैं ।
बहुतायत है इन लोगों की , सदाचार नहीं आता है ;
पूरे भोग – विलासी होते , फैशन करना ही भाता है ।
चार – बार ये कपड़े बदलें , नहीं किसी के यार हैं ;
नरगीसियत में फंसे हुये हैं , केवल खुद से प्यार है ।
विश्व के नेता बनना चाहें , खुद का घर बर्बाद है ;
हिंदू – जनता को मूर्ख बनाते , वोट – बैंक आबाद है ।
झूठे इतिहास का जहर पिलाते, हिंदू को गहरी नींद सुलाते ;
अपनी विश्व – छवि बनवाते , जगह-जगह हिंदू मरवाते ।
अब सारे -हिंदू जग जाओ , सोशल- मीडिया जगा रहा ;
अपने सच्चे इतिहास को जानो , सोशल-मीडिया बता रहा ।
सच्चाई तुम्हें जानना है , साहस – शौर्य जगाना है ;
खुद को भूले हुये थे अब -तक , तुमको याद दिलाना है ।
पूर्णतः सच्चे इतिहास को जानो , तुम हो सर्वश्रेष्ठ ये मानो ;
चरित्रहीन पापी लोगों की , पूरी – पूरी करतूतें जानो ।
एकमात्र हिंदू की गफलत , नीचा उसे दिखाया है ;
वरना गुंडों की क्या ताकत थी ? कई जगहों से भगाया है ।
कश्मीर गया , बंगाल गया , केरल भी जाने वाला है ;
हिंदू अब भी न चेता तो , भारत जाने वाला है ।
हिंदू पूरी तरह से जागे , अब सोने का समय नहीं है ;
हिंदू – राष्ट्र बनाओ भारत , कोई और विकल्प नहीं है ।
चरित्रहीन और कायर – नेता , राजनीति से इन्हें हटाओ ;
यूपी या आसाम के जैसा , परम- साहसी लेकर आओ ।
राजनीति का शुद्धिकरण हो , पूर्णतः राष्ट्रनीति को लाओ ;
वामी,जिहादी,जिम्मी,सेक्युलर , इन सबको ही परे हटाओ ।
धर्म-सनातन सर्वश्रेष्ठ है , कण-कण में इसको बिखराओ ;
राम-राज्य उद्देश्य हमारा , देश को हिंदू- राष्ट्र बनाओ ।
सबका सम्मान सुनिश्चित होगा, सबकी जान-माल की रक्षा ;
सब-कुछ संभव तब ही होगा , जब हम करें धर्म की रक्षा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”