निसंतान दंपतियों की गोद भरने के लिए कई मांओं की गोद उजाड़ने वाली मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम्स अब नए आरोप में घिर गया है। क्रिश्चियनिटी ‘संत’ घोषित मदर टेरेसा द्वारा रांची में स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था के अलग-अलग होम्स में जन्म लेने वाले 280 नवजातों का कोई रिकॉर्ड्स ही नहीं है। अंदेशा है कि उन सारे पहले ही बेचा जा चुका है!
पुलिस ने बताया है कि इस संस्था से हाल में जन्मे नवजातों का रिकार्ड्स उपलब्ध कराने को कहा गया था। लेकिन उनके पास 280 बच्चों का रिकार्ड्स गायब हैं। इससे बच्चे बेचने का मामला और गहरा गया है। हाल ही में यहां से पांच बच्चे बेचने के आरोप में ही इस संस्था की दो नन तथा एक महिला कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था। इस लिहाज से 280 बच्चे का रिकॉर्ड नहीं मिलना मामले को और भी गंभीर बना देता है।
इस संस्था के संस्थापक मदर टेरेसा के झूठ की तरह इनका झूठ भी सामने आने लगा है! असहायों की सेवा के नाम पर बच्चे बेचने का धंधा चलाया जा रहा है। लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 2015 से 2018 के बीच में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ के कई होम्स में करीब 450 गर्भवती महिलाओं को भर्ती कराया गया। इनमें से 170 नवजात बच्चों के रिकार्ड तो मिले हैं लेकिन शेष 280 नवजातों का कोई रिकार्ड ही नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि यहां के रिकार्ड की जांच करने के दौरान कई प्रकार की गड़बड़ियां सामने आई हैं। पुलिस ने बच्चों के बेचने से लेकर महिलाओं के गर्भपात कराने के षड्यंत्र तक से इनकार नहीं किया है। 280 बच्चों के रिकॉर्ड नहीं मिलने से कई प्रकार के संदेह उठने लगे हैं।
रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम से बच्चों के बेचे जाने तथा 280 नवजातों के कोई रिकॉर्ड्स उपलब्ध नहीं होने का मामला तब सामने आया है जब एक दंपत्ति ने एक बच्चे को गोद लेने के लिए इस संस्था को 1.20 लाख रुपये देने के मामले में पुलिस से शिकायत की। यूपी की इस दंपत्ति ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि 1.20 लाख रुपये देने पर उन्हें बच्चा तो दिया गया लेकिन कोर्ट में मामले होने की बात कहकर बच्चे को वापस ले लिया। और कहा कि अदालत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा दे दिया जाएगा। लेकिन जब बच्चा बाद में भी नहीं दिया गया तो उन्होंने इसकी शिकायत चाइल्ड वेलपेयल सोसाइटी से कर दी है।एक तरफ पुलिस ने इस मामले को मानव तस्करी से जोड़कर देख रही है वहीं रोमन कैथोलिक चर्च मदर टेरेसा के मिशनरी ऑफ चैरिटी के समर्थन में उतर आया है।
The Roman Catholic Church has come out in support of Mother Teresa's Missionaries of Charity which is accused of involvement in child trafficking & 280 Minor girls were found pregnant. Earlier Pope had pardoned paedophile Pastors.
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) July 12, 2018
गौरतलब है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी की दो सिस्टर और एक महिला कर्मचारी को पिछले गुरुवार को ही नवजात बच्चों की बिक्री के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों ननों पर चैरिटी होम की महिला संचालक के साथ मिलकर नवजातों को बेचने का आरोप है। अब सवाल उठता है कि जिस मानव सेवा के उद्देश्य से मदर टेरेसा ने मिशनरीज चैरिटी होम्स की स्थापना की थी क्या यही उसका मानव सेवा है? जहां एक मां की कोख उजार कर दूसरी मांओं को पैसे के बल पर संतान का सुख पहुंचाया जाए। असली सेवा तो वह होती है जिसमें दोनों पक्षों का भला हो। एक को उसका घर मिले तो दूसरे को अपना बच्चा। लेकिन मिशनरीज चैरिटी होम ने तो सेवा को भी मानव तस्कर जैसा अवैध धंधा बना के रख दिया है।
क्रिश्चनिटी का धंधा: अमेरिका में चर्च तो भारत में बिक रहे हैं बच्चे!
URL: where are the 280 infants missing in Missionaries of Charity’s Ranchi?
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