अर्चना कुमारी । पाकिस्तान में बैठे सुहेल के जरिये नौशाद आईएसआई के आकाओं के संपर्क में था। सुहेल ने नौशाद को बताया था कि उसे भारत में किस हिंदू नेता की टारगेट किलिंग करना है। नौशाद और जगजीत ने एक हिंदू की अचानक ही जान ले ली सिर्फ यह दिखाने के लिए अपने आकाओं को, कि वह ऐसे नेता को मार सकता है और उन दोनों ने इसका वीडियो भी भेजा था।
26 जनवरी के बाद किसी भी दिन इनको हथियारों का इस्तेमाल कर टारगेट किलिंग को अंजाम देना था । इसके लिए रैकी भी कर ली गई थी। इनके निशाने पर कौन हिंदू नेता थे, पुलिस इसका खुलासा नहीं कर रही है लेकिन नेता दक्षिणपंथी विचारधारा के हो सकते हैं। आकाओं के इशारे पर हरकत-उल-अंसार और खालिस्तान के कथित आतंकी नौशाद और जगजीत को उत्तराखंड में हथियार उपलब्ध कराए थे।
पता चला है कि नौशाद और जगजीत उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल में एक साथ बंद थे। दोनों के बीच गहरे संबंध हुए और दोनों दिल्ली आ गए। जगजीत सिंह बंबीहा गिरोह से जुड़ा था । इसलिए वह कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला के संपर्क में आ गया। आरोपियों ने खुलासा किया है कि इनको उत्तराखंड में ‘ड्रॉप डेड मैथड’ के जरिये हथियार प्राप्त हुए थे। पाकिस्तान में बैठे इनके आकाओं ने मोबाइल एप के जरिये इन हथियारों की गूगल लोकेशन नौशाद को शेयर की थी।
इसके बाद हथियारों को उत्तराखंड में अज्ञात स्थान से दिल्ली लाया गया था। सभी बरामद हथियार नेपाल के रास्ते भारत पहुंचे हैं। जानकारी मिली है कि 30 जनवरी को इन आतंकियों को कुछ और हथियार और गोला-बारूद मिलना था। नौशाद और जगजीत के पास से मिले दस्तावेजों व टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला है कि इनके नेटवर्क में पांच अन्य लोग भी शामिल हैं। तीन इनमें जहांगीरपुरी और एक यूपी और एक बिहार का बताया जा रहा है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद सभी अंडरग्राउंड हो गए हैं।