अर्चना कुमारी । जहांगीरपुरी हिंसा के बीच दिल्ली में एक भारतीय जनता पार्टी के नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई और घटना के बाद भी हत्यारों का सुराग पुलिस नहीं लगा पाई है ।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि गाजीपुर इलाके में भाजपा के जिला मंत्री जीतू चौधरी के हत्यारे पेशेवर अपराधी थे और रंजिश के चलते सुपारी लेकर उनकी हत्या की गई। पुलिस का कहना है कि हमलावरों ने जीतू के सिर पर पिस्टल सटाकर गोलियां मारी थीं। जबकि परिजनों ने जीतू की पत्नी से उसकी मौत की खबर छिपाकर रखी लेकिन बाद में जैसे ही उसे पता चला तब हुआ बेहोश हो गई ।
इस घटना के बाद से जीतू के परिवार के सभी सदस्यों का रो रोकर बुरा हाल है और केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली पुलिस अब तक हत्यारे को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि पुलिस घटना स्थल पर सीसीटीवी फुटेज खंगालने से लेकर मृतक के फोन कॉल्स और घटना स्थल का डंप मोबाइल डाटा खंगाल रही हैं। पुलिस जीतू के घर की ओर आने वाले हर एक रास्ते पर सीसीटीवी कैमरे चेक कर रही है ताकि हत्या आरोपियों को पकड़ा जा सके।
मृतक के परिजनों से भी पूछताछ की गई है।आशंका है कि जीतू की गांव में संपत्ति को लेकर कुछ लोगों से रंजिश चल रही थी, 2005 में झगड़ा भी हुआ था। हो सकता है उसी के चलते हत्या हुई हो। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है सूत्रों की मानें तो वारदात को रंजिश के चलते अंजाम दिया गया। जीतू से किसी तरह की कोई लूटपाट नहीं हुई है। हमलावर जीतू को जानते थे।
उन्हें उनके घर के बाहर ही उन्हें गोलियां मारीं। तीन गोलियां उनके सिर में मारी। जब वह गिर गए तो एक गोली उनके पेट में मारी। जिस तरह से बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। गौरतलब है कि बुधवार रात अज्ञात हमलावरों ने जीतू चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जीतू मलूरूप से उत्तर प्रदेश के बागपत बली गांव के रहने वाले थे। वह पिछले कई वर्षों से मयूर विहार फेज-तीन में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। इनके परिवार में पत्नी पूनम, दो बेटियां दीपा, खुशी व छोटा बेटा ललित और दो भाई हैं। जीतू का कंस्ट्रक्शन का कारोबार था। वह भाजपा से जुड़े हुए थे और जिला मंत्री थे।