केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड की इजाजत दी थी। जिस तरह दिल्ली पुलिस शाहीन बाग में नागरिक कानून के विरोध में मुस्लिम लोगों को सड़क पर बैठने की इजाजत दे दी थी,
जिसके बाद पूरी दिल्ली में मुस्लिम पुरुष और महिलाएं जगह जगह पसरने लगे और इसी रास्ते को खाली कराने को लेकर जो बवाल हुए वह दंगे में तब्दील हो गए थे ।
अब सवाल उठता है कि खुफिया चेतावनी के बावजूद दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली की इजाजत कैसे दे दी । जो लोग पिछले 2 महीने से सरकार का विश्वास नहीं जीत पाए, उन लोगों ने सरकार और पुलिस का विश्वास अचानक कैसे जीत लिया।
संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने किसानों के नाम पर उपद्रवियों को इकट्ठा किया और राजधानी को जिन्होंने बंधक बना लिया, उस पर अब तक क्या कार्रवाई हुई। यह भी जानना जरूरी है कि दिल्ली में हिंसा फैलाने के असली जिम्मेदार कौन है।
पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर ट्रैक्टर परेड के लिए पहले से तय रूट की जगह लाल किले तक पहुंचने के लिए किसानों को उकसाने वाले कौन हैं और लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के पीछे किसकी साजिश है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि दीप सिद्धू वह शख्स है जो लाल किले की प्राचीर से कुछ दूरी पर लगे गए पोल पर निशान साहिब और किसान यूनियन का झंडा लगाया था।
पंजाबी फिल्मों का गायक कलाकार दीप सिद्दू और गैंगेस्टर से नेता बने लखबीर सिंह सिधाना उर्फ लक्खा सिधाना ने वहां मौजूद भीड़ को भी संबोधित किया।
लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराये जाने की घटना के दौरान मौजूद रहे अभिनेता दीप सिद्धू ने यह कह कर उनका बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था।
‘निशान साहिब’ सिख धर्म का प्रतीक है और इस झंडे को सभी गुरुद्वारा परिसरों में लगाया जाता है। आपको जानना जरूरी है कि दीप सिद्धू और उनके भाई मनदीप सिंह को इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा नोटिस भेजी गई थी।
उन्हें सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ दायर एक मामले के सिलसिले में नोटिस भेजी गई थी। इस हिंसा में जो गैंगस्टर सिधाना का नाम आया है, उसे साल 2012 के विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले कई जघन्य मामलों में बरी कर दिया गया था।
गैंगस्टर से नेता बना यह आरोपी मनप्रीत बादल की बनाई गई पार्टी पीपीपी से रामपुरा फूल सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है। इसका कुछ दिन पहले का एक वीडियो वायरल हुआ था
जिसमें वो पंजाब के एक गांव में लोगों को भड़का रहा है कि 26 जनवरी को दिल्ली में बड़ी से बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों और लोगों की भीड़ को लेकर पहुंचना होगा तभी सरकार उनके सामने झुकेगी।
पूर्व गैंगस्टर अब खुद को समाजसेवी बताता है लेकिन उसके खिलाफ पंजाब में दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे अपराध शामिल हैं। इतना ही नहीं यह गैंगस्टर इन मामलों में कई साल की सजा भी काट चुका है।
हाल ही में बठिंडा पुलिस ने लक्खा पर हाइवे के ऊपर लगे साइन बोर्ड पर कालिख पोतने का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था, लक्खा पंजाब में अंग्रेजी साइन बोर्ड पर सिर्फ पंजाबी भाषा लिखने की मांग कर रहा था।
उधर, सांप के गुजर जाने के बाद डंडा पटक कर अफसोस व्यक्त करने वाली दिल्ली पुलिस के डेढ़ सौ से अधिक जवान अस्पताल में भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं
और इनमें से कईयों की हालत नाजुक बनी हुई है जबकि हिंसा को लेकर ताबड़तोड़ f.i.r. की जा रही है। इस संबंध में अबतक 22 एफआईआर दर्ज की गई हैं लेकिन इसकी संख्या अधिक हो सकती है।
जिसमें ईस्ट दिल्ली, द्वारका और पश्चिमी दिल्ली में 3-3 एफआईआर, 2 आउटर नार्थ, एक शाहदरा और एक नार्थ जिले में दर्ज हुई हैं । दिल्ली के 6 जिलों में दर्ज की गई इन एफआईआर में बलवा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और हथियार लूटने जैसी धाराएं शामिल हैं।