पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के लिए तमिलनाडु सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा था राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसे सिरे से खारिज कर दिया है। 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिए दोषी करार जिन 7 सात कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी उसे राज्य सरकार रिहा क्यों करवाना चाहती है? ऐसे में यह सवाल एक बार फिर सांदर्भिक हो गया है कि आखिर वह हथियार डीलर कौन थी जिसने राजीव गांधी की हत्या के हालात पैदा किए? आखिर अभी तक किसी सरकार ने इस सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास क्यों नहीं किया?
मुख्य बिंदु
* राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तमिलनाडु विधानसभा के प्रस्ताव को सिरे से किया खारिज
* सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या की मुख्य साजिशकर्ता अभी भी इटली में है
* राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा कराने के पीछ तमिलनाडु सरकार की मंशा क्या है
हालांकि इस मामले को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी समय-समय पर उठाते रहे हैं। अब जब राष्ट्रपति ने तमिलनाडु सरकार के राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है तो एक बार फिर स्वामी ने इस उस ओर संकेत किया है। स्वामी ने कहा है कि राजीव गांधी के हत्यारे काफी सौभाग्यशाली हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अभी तक उन्हें फांसी नहीं दी गई है। स्वामी ने अपने ट्वीट में तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पास किए गए इस प्रस्ताव को ही अवैध बताया है। साथ ही अवैध प्रस्ताव को खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले का स्वागत किया है। इस मामले में स्वामी ने कहा कि इस मामले की असली दोषी तो इटली में बैठी है संयोग से अभी बहुत बीमार है। उनका संकेत स्पष्ट है कि असली गुनहगार तो अभी भी कानूनी पंजे से बाहर है।
Rashtrapati has flatly rejected the stupid Illegal resolution of the TN Legislative Assembly to set Rajiv Gandhi the killer conspirators free. Actually the killers are lucky that they have not been hanged as per SC .The Head conspirator is living in Italy but seriously ailing
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 15, 2018
कहा जाता है कि भारत में हथियारों के डील की वजह से जो हालात पैदा हुए राजीव गांधी की हत्या उसी परिस्थिति का परिणाम थी। हथियार डील में क्वात्रोची का नाम तो जगजाहिर हो गया लेकिन असली खिलाड़ी अभी तक पर्दे के पीछे ही छिपा है। जिसे बाहर लाना सरकार का ही काम होता है। राजीव गांधी की हत्या के बाद अधिकांश समय तक कांग्रेस की ही सरकार केंद्र में रही है। फिर भी राजीव गांधी की हत्या के हालत पैदा करने वाले हथियार डील के उस खिलाड़ी का नाम सामने अभी तक नहीं आ पाया है तो सवाल और गहरा हो जाता है। स्वामी ने अपने ट्वीट में एक बार फिर उसी असली खिलाड़ी की ओर संकेत किया है।
URL: who was the weapon dealer who created circumstances of Rajiv Gandhi’s assassination?
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