
छापेमारी के बाद भी मायावती की चुप्पी! आप जानते हैं क्यों ?
अपने भतीजे आकाश आनंद के महंगे जूते पर एबीपी की खबर से बौखलाकर मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विरोधियों पर हमला किया था। लेकिन आज ईडी की छापेमारी के बावजूद उन्होंने चुप्पी साध रखी है। जानते हैं क्यों? क्योंकि मूर्ति घोटाला मामले के आरोपी मायावती के खिलाफ भाजपा की मोदी या योगी सरकार ने नहीं बल्कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केस दर्ज कराया था। वही अखिलेश यादव जो आज उनके गठबंधन के महत्वपूर्ण और एकमात्र साझीदार हैं। अब सवाल उठता है कि जब मूर्ति घोटाला मामले में मायावती के खिलाफ केस अखिलेश यादव ने दर्ज कराया था, तो फिर मोदी विरोधी गिरोह केंद्र सरकार को क्यों कोस रहा है!
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ दर्ज मूर्ति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आज लखनऊ स्थित छह ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी मायावती की प्रतिमा घोटाले को लेकर की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बसपा मुखिया तथा पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के 2007 से 2011 तक के कार्यकाल की छानबीन में जुटी है। ईडी की इस कार्रवाई से मोदी विरोधी गिरोह छटपटा रहा है। यह गिरोह मोदी सरकार को कसूरवार बताने में जुटा है। जबकि सच्चाई यह है कि मायावती के खिलाफ केस उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दर्ज कराया था।
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश राज्य सतर्कता विभाग ने आईपीसी आर / डब्ल्यू 409 आईपीसी की धारा 120 बी और धारा 13 (1) (डी) के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) के साथ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। सतर्कता विभाग ने कहा था मायावती की मूर्ति बनाने से सरकारी खजाने को 111 करोड़ से भी अधिक रुपये का नुकसान हुआ। इतना ही नहीं इस प्रोजेक्ट से सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों को गैरकानूनी तरीके से लाभ पहुंचाया गया।
बताया गया है कि उस समय जहां कांशीराम और मायावती की एक मूर्ति बनाने में 6.65 करोड़ रुपये खर्ज किए गए वहीं एक हाथी की प्रतिमा बनाने के लिए 70 लाख रुपये खर्च किए गए। कहा जाता है कि मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा और लखनऊ में हाथी के 130 प्रतिमाएं लगवाई थीं।
स्मारक घोटाले में मायावती जी को भ्रष्टाचारी बताते हुए उनके खिलाफ मुक़दमा कराया आपके रिश्तेदार अखिले़श यादव जी ने, और आज आप कार्रवाई के लिए कोस रहे हैं केंद्र सरकार को, मूर्ख तो आप हैं ही, झूठों के सरताज भी हैं !! https://t.co/OigrPsgXYs
— शलभ मणि त्रिपाठी (@shalabhmani) January 31, 2019
इस मामले में भाजपा के यूपी प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने इस संदर्भ में चारा घोटाला मामले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को जवाब देते हुए लिखा है कि जब स्मारक घोटाले में मायावती को भ्रष्टाचारी बताते हुए अखिलेश यादव ने मुक़दमा दर्ज करा रखा है तो इस मामले में केंद्र सरकार को क्यों कोस रहे हैं?
मालूम हो कि मायावती के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि केद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्षी पार्टियों को डरा और धमका रही है। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में अनर्गल रूप से वीरता दिखाते हुए लिखा है कि मायावती को कुछ हुआ तो बुरा अंजाम होगा। उसने केंद्र सरकार पर मायावती के खिलाफ कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा देश को गृहयुद्ध में धकेलना बताया है।
URL : Why bsp supremo mayawat is sillent on ED raids
Keywords : ED, mayawati, bsp, akhilesh yadav, modi govt
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