आईएसडी नेटवर्क। क्रूज ड्रग्स केस के बारे में नई जानकारी ये आ रही है कि इसके लिंक विदेश से जुड़ गए हैं। बुधवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने आर्यन खान, अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धामेचा की ज़मानत याचिका का विरोध किया। केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि आरोपी किसी अंतरराष्ट्रीय रैकेट के साथ संपर्क में थे। एनसीबी ने आगे की महत्वपूर्ण कार्रवाई के लिए विदेश मंत्रालय से सहायता मांगी है।
बुधवार को आर्यन के नए वकील अमित देसाई ने एनडीपीएस न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट में लंबी बहस चली। एनसीबी ने ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपियों के संबंध किसी अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट से होने का गहरा संदेह है और इनको ज़मानत दी गई तो संभव है कि आरोपी अपने प्रभावशाली परिवार की सहायता से वे लिंक्स ही मिटा दे।
एनसीबी ने कहा कि आर्यन ड्रग्स तस्करों के साथ संपर्क में था और अरबाज़ के जरिये ड्रग्स खरीदता था। एनसीबी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत में तीनों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया। अनिल सिंह ने न्यायालय में कहा कि ये कोई साधारण मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि आर्यन को आमंत्रित किया गया था तो वह रिकार्ड में क्यों नहीं है।
अनिल सिंह के मुताबिक आर्यन ये भी नहीं बता पा रहे कि उन्हें इस क्रूज़ पर किसने बुलाया था। सरकारी वकील की ओर से तीसरी रिमांड याचिका के बाद नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) एक्ट की धारा 29 लागू की गई है। ये धारा उकसाने और आपराधिक साजिश करने पर लगाई जाती है। क्रूज़ ड्रग्स केस में बीस आरोपी बनाए गए हैं।
इनमे चार तो ड्रग्स पैडलर हैं। सरकारी वकील बार-बार कह रहे हैं कि उनके पास व्हॉट्सएप्प मैसेज हैं, जो ये सिद्ध करते हैं कि आर्यन और अरबाज़ उनके संपर्क में थे। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने न्यायालय के समक्ष कहा कि ये एक ऐसी महत्वपूर्ण चैट है, जिसमे खरीदने और बेचने के लिए ड्रग्स की आवश्यक मात्रा के बारे में बताया गया है।
आरोपी ड्रग्स के लिए विदेशी नागरिकों से चर्चा कर रहे हैं। इतनी भारी मात्रा में आर्डर देना संदेहास्पद है। एजेंसी ने इसके लिए विदेश मंत्रालय से सहायता मांगी है। अब एजेंसी उन विदेशी नागरिकों के पीछे जाने वाली है, जो आर्यन और अरबाज़ से बात कर रहे थे।