जब इस फिल्म के प्रोमो स्क्रीन से टकराए तो न्यूज़ चैनलों की हेडलाइन कुछ इस तरह थी। सीता रिटर्न्स इन ग़ालिब’। रामानंद सागर की कालजयी कृति रामायण की सीता दीपिका चिखलिया अफजल गुरु के बेटे पर बनने वाली फिल्म में उसकी माँ के किरदार में दिखाई देने वाली है।
पच्चीस साल से अधिक समय से भारत के दर्शक उन्हें सीता माता के रुप में ही देखते और मानते हैं। ये खबर उन दर्शकों के लिए हृदय विदारक हो सकती है। पच्चीस साल पुराना आवरण तोड़ दीपिका ने अपनी नई पहचान स्थापित कर ली है। सामान्य बुद्धि का दर्शक सहज ही बता सकता है कि कॅरियर की दूसरी पारी के पहले ओवर में ही दीपिका चिखलिया आउट हो चुकी हैं।
उनका ये कदम न केवल उनके कॅरियर अपितु इतने वर्षों से सहेजी गई माता सीता की छवि के लिए भी बहुत नुकसानदेह होगा। भारत न अफजल गुरु को भूला है, न उसके बेटे के भारत विरोधी बयान भारत की स्मरण शक्ति ने बिसराए हैं।
भारत नहीं भूला है कि अफजल गुरु के बेटे ग़ालिब ने टीवी पर आकर कहा था कि उसके परिवार के साथ अन्याय हुआ है। उसने कहा था ‘मैं भारत का नागरिक होने पर गर्व कैसे कर सकता हूँ, उन्होंने मेरे पापा को मारा है। ‘ मैं उम्मीद करता हूँ कि भारत और कश्मीर के संबंध प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से बनाई इस फिल्म में ग़ालिब के भारत विरोधी संवाद अवश्य शामिल किये गए होंगे।
एक आतंकी का बेटा शिक्षित होकर ज़िम्मेदार नागरिक बने, इसमें किसे आपत्ति होगी लेकिन ये बात कैसे सही जाए कि आतंकी पिता के लिए कोई युवा भारत के संविधान पर उसके पिता की हत्या का आरोप लगा दे। ग़ालिब ने भारत विरोधी बयान पिछले वर्ष ही दिया था।
इसका मतलब है कि भारत के लिए उसके विचारों में कोई परिवर्तन नहीं आया है। इसका मतलब ये भी है कि उस पर फिल्म बनाकर निर्माता ने करोड़ों रुपया बेकार ही फूंक दिया है। इसका मतलब ये भी है कि इस फिल्म की भविष्य में कोई प्रासंगिकता नहीं होगी।
अफजल गुरु के बेटे ग़ालिब गुरु पर फिल्म बनाने का विचार क्यों किसी फिल्म निर्माता के मन में आया होगा, ये विचार मुझे कल से मथ रहा है। इस फिल्म का प्रोमो प्रदर्शित होने के साथ-साथ एक काम और हुआ। कश्मीर में अलगाववादी नेता महबूबा मुफ़्ती ने भारत के तिरंगे को लेकर विवादित बयान दे दिया।
इस बयान के बाद कश्मीर में तिरंगा फहराने वाले तीन स्थानीय युवको की नृशंस हत्या कर दी गई। ग़ालिब गुरु पर फिल्म बनाना एक अच्छी कोशिश हो सकती थी, यदि वहां के नागरिक भारत को एक राष्ट्र के रुप में स्वीकार करने के लिए आगे आए।
नई सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसी स्वीकार्यता कश्मीरियत में दिखाई नहीं देती। झूठे आधार पर बनी इस फिल्म में दीपिका चिखलिया ने क्यों काम किया? उन्हें तो और भी अच्छे प्रस्ताव मिल सकते थे। आज ये प्रोमो देखने के बाद टीवी से प्रसिद्ध हुई सीता माता की छवि सदा के लिए विलीन हो गई। टीवी दर्शकों के लिए उनकी सीता माता धरती में समा गई है।