विपुल रेगे। राज्यसभा में सांसद जया बच्चन के गुस्से को फूटे तीन दिन होने आए हैं लेकिन सदन के साथ देश के नागरिक अब तक नहीं समझ सके हैं कि आख़िरकार वे भरे सदन में अचानक आगबबूला क्यों हो गई थीं। राजनीतिक समीक्षक उनके रौद्र बयान की टाइमिंग को गलत मान रहे हैं। उनके अनुसार जया के गुस्से का कारण कुछ भी रहा हो लेकिन उनकी टाइमिंग बड़ी ही गलत थी। देश ने ये समझ लिया कि वे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी पुत्रवधु ऐश्वर्या राय बच्चन पर की गई कार्रवाई से आहत हो गई हैं।
अभिनेत्री व सांसद जया बच्चन बीते कुछ वर्षों में अपने बिगड़े मिज़ाज़ को लेकर बहुत चर्चित रही हैं। उनकी बदमिज़ाजी के किस्से आए दिन हवाओं में तैरते रहते हैं। जया को इस बात का अभिमान है कि वे अभिजात्य वर्ग से ताल्लुक रखती हैं। इस नाते साधारण लोगों का उनके निकट भी आना उनकी दृष्टि में एक अक्षम्य अपराध है। जैसे एक बार दिल्ली के पांच सितारा होटल में भोजन करते समय एक बच्चा अमिताभ बच्चन को देखने उनके निकट आ गया था।
बच्चे का आना अमिताभ बच्चन को तो अच्छा लगा लेकिन उनकी पत्नी को नागवार गुज़रा। कोई उनकी फोटो खींचे, कोई उनके पास आकर मिलना चाहे तो ये जया बच्चन को पसंद नहीं आता। राज्यसभा में उनके नाराज़गी वाले बयान के कारण का रहस्य अब तक नहीं खुला है। जिस समय ये घटना हुई, जया पुरातत्व के रखरखाव को लेकर सरकार से प्रश्न कर रहीं थीं। सदन में बहुत शोर होता है।
यहाँ तक कि बोलने वाले सांसद को अत्याधिक परेशानी होती है। ये परेशानी देश के प्रधानमंत्री को भी होती है। जया का आरोप है कि सदन में किसी ने पीछे से उन पर निजी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनकी ये बात सिद्ध नहीं हो सकी। ये कैसे पता लगाया जाएगा कि माननीय जया जी को उनके बयान के बीच में टोकने वाला वह भयंकर अपराधी कौन था।
जिस समय वे कह रही थीं ‘इससे तो अच्छा आप हमारा गला दबा दीजिये’, ठीक उसी समय टीवी पर उनकी बहू से ईडी की कड़ी पूछताछ के समाचार चल रहे थे। सदन से बहुत दूर बैठा आम नागरिक तो यही समझा कि राज्यसभा सांसद उनकी बहू ऐश्वर्या पर कार्रवाई से क्रुद्ध होकर सदन में अनाप-शनाप बके जा रही है। एक सांसद होने के नाते श्राप देने को नागरिकों ने किस तरह लिया है, ये बात समाजवादी पार्टी के मुखिया को पता करना आवश्यक है।
आज देश जान रहा है कि ऐश्वर्या राय बच्चन और उनके पति अभिषेक बच्चन से इस मामले में सन 2005 से पूछताछ की जा रही है। ये मामला नया है, ऐसा भी नहीं है। जया बच्चन जैसे सांसद ऐसे गैर ज़िम्मेदार बयान देकर सदन की गरिमा को ही गिराने का काम कर रहे हैं। बच्चन परिवार विश्वभर में लोकप्रिय है। लोकप्रिय लोगों की छवि सार्वजानिक होती है।
जब कोई पत्रकार ऐश्वर्या को ‘ऐश’ कहकर फोटो सेशन का अनुरोध करता है तो सांसद महोदया उसे डपट देती है और कहती हैं ‘क्या वह तुम्हारी स्कूल फ्रेंड है।’ सार्वजानिक जीवन में ऐश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन और अमिताभ बच्चन जितने विनम्र हैं, जया बच्चन का व्यवहार उतना ही अशोभनीय होता है। उन्हें ये जानने की आवश्यकता है कि भारत देश उनका दरबार नहीं है।
वे इस देश की एक सम्मानित नागरिक हैं और एक प्रसिद्ध अभिनेत्री व एक सम्मानित परिवार की सदस्या हैं। इस नाते उनको कैसा व्यवहार करना चाहिए, ये किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। इधर सोशल मीडिया पर कुछ लोग अमिताभ और रेखा की प्रेम कहानी उछाल रहे हैं। मैन स्ट्रीम मीडिया का कहना है कि लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। क्या कभी मैन स्ट्रीम मीडिया ने जया जी के मुंह में माइक घुसेड़कर प्रश्न करने का साहस किया कि वे सार्वजानिक स्थानों पर बदतमीज़ी और बददिमागी का प्रदर्शन क्यों करती रहती हैं।