सुभाष चन्द्र। सद्गुरु जग्गी -एक दिन में कितने
हिन्दू विरोधी पत्रकारों के “बाप”
बन गए – कितने सेक्युलरिस्टों के
आँख के नूर बन गए ।
मगर हिन्दू समाज को जड़ों से
काट कर समाज को नष्ट करना
क्यों चाहते हो।
सद्गुरु जग्गी बहुत ज्ञानी व्यक्ति हैं
और लाखों लोग उन्हें सिर आँखों
पर बिठाते हैं, मैं भी उनका आदर
करता हूँ मगर दुर्भाग्य आज हिन्दू
समाज को उदारता का पाठ पढ़ाना
एक फैशन हो गया है ।
जब समाज अपनी जड़ों से ही कट
जायेगा तो उसका अस्तित्व ही
समाप्त हो सकता है सद्गुरु ने
क्या सोच कर ऐसा कहा कि मुगलों
द्वारा तोड़े गए मंदिरों को वापस लेने
का क्या औचित्य है – कुछ iconic
यानि प्रतिष्ठित मंदिर मांग लेना ही
ठीक होगा -ऐसे कौन से मंदिर हैं,
ये नहीं बताया सद्गुरु ने
सद्गुरु जग्गी ने ये इंटरव्यू राहुल
कँवल को दिया और इसके साथ
ही वो ऐसे सभी घोर हिन्दू विरोधी
पत्रकारों के बाप बन गए जिनका
लक्ष्य है मोदी को उखाड़ फेंकना-
हिन्दू समाज को अपनी जड़ों से
काटने की बात है सद्गुरु के ऐसे
विचार, सोचिये वो समाज क्या
पत्तों की तरह नहीं बिखर जायेगा
जिसके दुश्मन इस्लाम और
ईसायत वर्षो से है ।
मैं नहीं जानता सत्य क्या है मगर
सद्गुरु जग्गी की फलीस्तीन के
राष्ट्रपति से 22 मई को डिजिटल
माध्यम से मुलाकात हुई थी और
अगले दिन 23 मई को उन्होंने
वकालत कर दी कि मंदिरों की
मांग करना व्यर्थ है ।
सद्गुरु जी को शायद पता होगा
एक समय मुस्लिम समुदाय से कहा
गया था अयोध्या, मथुरा और काशी
पर दावा छोड़ दें तो एक बार विचार
किया जा सकता है कि और मंदिरो
को न छेड़ा जाये –मगर मुसलमानों
ने साफ़ इंकार कर दिया कि किसी
कीमत पर कोई मस्जिद नहीं देंगे –
सद्गुरु जग्गी को पता होना चाहिए
कि यहूदियों के साथ दुनियां भर में
कितने अत्याचार किये गए मगर
उन्होंने अपनी जड़ों से नाता नहीं
टूटने दिया – प्रतिशोध की अग्नि को
अपने अधिकारों के लिए जलाये
रखा और 14 मई, 1948 को
सैंकड़ों वर्ष के बाद अपने एक
राष्ट्र इजराइल बना लिया –
क्या सद्गुरु जग्गी इजराइल से कहने
की हिम्मत करेंगे कि येरुशलम और
अल अक्सा मस्जिद पर अपना दावा
छोड़ कर मुसलमानों को दे दें –
537AD में बनी Hagia Sophia
Church को और 4th Century में
बनाई गई Chora church को टर्की
के राष्ट्रपति अर्दोगान ने 2020 में
फिर मस्जिद में तब्दील कर दी, वो
भी केवल इसलिए कि वो बड़े काल
खंड तक मस्जिद रही थी मगर अब
म्यूजियम थी
क्या आप अर्दोगान से कहेंगे कि ये
काम उसे नहीं करना चाहिए था –
सद्गुरु जग्गी ने तो सनातन धर्म पर
जुल्म ढाने वाले विदेशी लुटेरों और
आक्रमण करने वाले विधर्मियों की
काली करतूतों पर पर्दा डाल कर
उन्हें जायज कहने की चेष्टा की है –
सद्गुरु जग्गी जिनका समर्थन कर
रहे हैं, वो आज भी क्या कर रहे हैं
और क्या कर सकते हैं,
“मैं वंशज श्री राम का”
तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया है हर बात में हिन्दू के लिए साजिश नज़र आती है और यही ज़हर तुम इस वेबसाइट पर फैला रहे हो | अगर कोई भाई चारे की बात करता है तो वो धोकेबाज़ हो जाता है | अगर इसने ये कहा होता की हिन्दुओं को हर मस्जिद में खुदाई करने दो तो ये तुम्हारा हीरो बन जाता