अर्चना कुमारी। आम आदमी पार्टी का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन दिल्ली दंगे का मास्टरमाइंड रहा है। शातिर ताहिर हुसैन जब से जेल में बंद हुआ है तब से जमानत पर रिहा होने के लिए नित्य प्रतिदिन नए-नए हथकंडे अपना रहा है। पिछले वर्ष दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने आप पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी है। ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगों को लेकर कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं और कोर्ट ने दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 92/2020 के मामले में शनिवार को जमानत खारिज किया ।
इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 153ए, 505, 436, 307, 120बी, 34 और आर्म्स ऐक्ट की धारा 27 और 30 के तहत एफआईआर दर्ज है।कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोप में जेल में बंद ताहिर हुसैन के मामले को लेकर एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने जमानत याचिका खारिज किया। कोर्ट ने कहा कि वह दंगा भड़काने में मास्टरमाइंड था और उसने दिल्ली में संप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए अपनी ताकत और राजनीतिक पावर का दुरुपयोग किया ।
इतना ही नहीं उसने दंगाइयों को बतौर मानव हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। अदालत ने कहा है कि दंगाईयों को उकसाने के लिए ताहिर हुसैन मौके पर मौजूद था। यह बाते पुलिस द्वारा जांच उपरांत पेश किए गए रिकॉर्ड में हैं। अदालत अपनी टिप्पणी में कहा कि फरवरी 2020 की दिल्ली हिंसा भारत जैसे देश, जो एक सुपरपावर बनने की राह पर है, उसकी अंतरात्मा पर एक गहरा जख्म है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 24 फरवरी को उत्तर-पूर्व दिल्ली में सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच जमकर हिंसा और उपद्रव हुआ था।
तीन दिन तक यह पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलसता रहा था। इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी। सनद रहे कि इस घटना के वक्त अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर आए हुए थे। मालूम हो कि अदालत ने ताहिर की तीन मामलों में दायर याचिकाओं को पहले भी खारिज कर दिया था उसकी याचिका को यह कहकर पहले खारिज कर दिया गया था कि वह 8 अन्य मामलों में आरोपी है और जमानत मिलने पर गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। ऐसे में हिंसा की जांच को भी प्रभावित किया जा सकता है इसलिए अभी उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।
इस पूरे मामले में स्पेशल सेल की सबसे बड़ी जांच में जिन 15 लोगों को फिलहाल यूएपीए के तहत आरोपी बनाया गया है उनके नाम खालिद सैफ़ी, ताहिर हुसैन, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलिशा, सफूरा जरगर, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, सलीम खान और अतहर खान हैं।