उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों में जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई । किसी भी संवेदनशील सरकार के लिए बेहद गंभीर मसला है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष के लिए सरकार के खिलाफ बहुत बड़ा हथियार । लेकिन विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी मानो उस मौत पर जश्न मना रही हो। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से 100 से ज्यादा घरों में मौत का मातम पसरा था और देश की सबसे बड़ी पार्टी अपने मेगास्टार को लॉन्च करने के लिए लखनऊ में रोड शो कर रही थी। दिल्ली से देहरादून तक विपक्ष राजनीतिक दांव पेच का समीकरण तैयार कर रहा था। तीन दशक से उत्तर प्रदेश में जमीन खो चुकी कांग्रेस अपने तुरुप के इक्के के सहारे जमीन तलाश रही थी। यह तो भाजपा शासित प्रदेश में पसरे मौत के मातम के बीच अपने जमीन की तलाश में जश्न मना रही कांग्रेस की तस्वीर थी! लेकिन इस जश्न में प्रदेश की दो सबसे प्रमुख विपक्ष की आवाज भी कहीं गुम थी। कांग्रेस को खारिज कर महागठबंधन का समीकरण तैयार कर चुकी सपा बसपा की जोड़ी शायद इस गणित में लगी थी कि प्रियंका की लॉन्चिंग के बाद महागठबंधन की तस्वीर क्या होगी! जमीन पर पसरे मौत के सन्नाटे से बेखबर। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में योगी सरकार और रावत की सरकार के खिलाफ विपक्ष के पास बेहद गंभीर मुद्दा है । दोनों प्रदेश में भाजपा की सरकार है और जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत का मातम। कमाल है यह विपक्ष के लिए गंभीर मुद्दा नहीं है। दिल्ली में .जब एक सवाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी से पूछा गया तो उनका जवाब था कि प्रियंका गांधी ने इस पर खेद व्यक्त कर दिया है। राहुल गांधी के फेसबुक अकाउंट से इसके लिए संवेदना व्यक्त कर दी गई है। मानो कांग्रेस पार्टी के लिए इतना ही काफी कुछ था। दूसरी तरफ प्रदेश की बसपा और सपा पार्टी भी इस मुद्दे को लेकर इतनी गर्म नहीं है जितनी होनी चाहिए। इसके उलट योगी सरकार ने आरोप लगाया है कि सपा के कार्यकर्ताओं ने साजिश रची और उस साजिश के तहत शराब शहर फैलाया गया जिससे 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। यह एक साजिश थी विपक्ष की। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की सरकार के खेल को कमजोर करने की! तो क्या जो आरोप योगी सरकार लगा रही है उसमें दम है! क्या यही कारण है कि विपक्ष इस ज्वलनशील मुद्दे पर गंभीर नहीं है। दोनो भाजपा शासित प्रदेश में विपक्ष के लिए जो इतना बड़ा हथियार है उस हथियार का विपक्ष इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। क्या यह सब इसलिए क्योंकि विपक्ष को यह लगता है यदि सच सामने आया तो उनकी किरकिरी हो सकती है ! सोशल मीडिया के इस दौर में कुछ भी छुपाना मुश्किल है। क्या यही कारण है कि ऐसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर भी विपक्ष, सरकार के खिलाफ उतनी आक्रामक , नहीं दिख रही जितनी उसे दिखनी चाहिए। ऐसे समय में जब प्रदेश में मातम पसरा है कांग्रेस पार्टी अपनी मेगास्टार को लॉन्च करने के लिए रोड शो कर रही है । पूरी मीडिया संवेदनहीन होकर उस रोड शो को दिन भर दिखाती रही । शराब से हुई सौ से ज्यादा लोगों की मौत की खबर टीवी स्क्रीन से गायब है। क्योंकि टीवी के पास प्रियंका का चेहरा। कमाल है जो सवाल विपक्ष को और और मीडिया को सरकार से करते हुए उसे कटघरे में घेरना चाहिए उसके बदले सरकार यह दावा करती है कि हमने ढाई सौ लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है । सच क्या है यह देश की जनता को प्रदेश की जनता को जानने का हक है। आखिर 100 लोगों की मौत क्यों हुई? इसके पीछे की साजिश क्या है क्या सचमुच शराब में जहर डाला गया! जिससे सहारनपुर से शुरू हुआ जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक फैल गया । यह बेहद गंभीर मसला है ।भले ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष इसे गंभीरता से ना ले। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आम आदमी को यह जानने का हक है कि प्रदेश में मौत के मातम के पीछे किसका खेल है। यह सरकार जिम्मेदारी है की वो दोषियों को गिरफ्त में ले। ताकि सच सामने आ सके । जिस मुद्दे पर विपक्ष को आक्रमक होना चाहिए। उस मुद्दे को लेकर विपक्ष संवेदनहीन क्यों है! यह लाख टके का सवाल है। URL: Why hooch tragedy is not big issue for opposition in up and uk keywords : hooch tragedy,up,uk,priyanka gandhi,congress ,जहरीली शराब से मौत, प्रियंका गांधी, कांग्रेस |
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यूपी और उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत ! विपक्ष के लिए यह मुद्दा क्यों नहीं है?
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