Archana Kumari. ध्रुव त्यागी, डॉक्टर नारंग, अंकित सक्सेना, सुशील, राहुल और अब रिंकू शर्मा। इन लोगों को राजधानी की सड़कों पर मुस्लिम आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया और दिल्ली पुलिस कह रही है की इन घटनाओं को सांप्रदायिक रंग ना दिया जाए।
यह वही दिल्ली पुलिस है जो खुफिया अंदेशे के बावजूद तथाकथित किसान रैली को लाल किले में घुसने से नहीं रोक पाती और इसके अफसर जब भीड़ में फंस जाते हैं तो जय जवान जय किसान का नारा लगा अपनी जान बचाने को मजबूर होते हैं ।
नागरिक कानून के विरोध में चंद लोग सड़क पर जब अवैध तौर पर घेर कर बैठते हैं तो यही दिल्ली पुलिस उन लोगों को धकिया कर हटाने की बजाय पूरे दिल्ली में पसरने की मौखिक मंजूरी देती हैं और कोई रास्ता खुलवाने की बात कहता है तो उसके सिर दंगा कराने का दोष मढ़ दिया जाता है।
राजधानी की तेजतर्रार कहीं जाने वाली दिल्ली पुलिस की लचर कानून कानून ऐसी कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नाक के नीचे भीषण दंगे होते हैं और 53 लोग मार दिए जाते हैं ।
लेकिन जिले के पुलिस कप्तान को भी हटाना उचित समझा नहीं जाता । दिल्ली पुलिस पैसे कमाने के तो हर एक तकनीक जानती है लेकिन कानून व्यवस्था कैसे बेहतर हो इस पर कभी ठोस काम नहीं होता।
सिर्फ ट्रांसफर पोस्टिंग, केस में फंसे लोगों तथा गैंगस्टर और बदमाशों से वसूली, रेहड़ी पटरी वालों से लेकर आम शहरी से उगाही करना ही पुलिस का काम रह गया है।
जबकि करीब 7 साल पहले दिल्ली की सत्ता बदल चुकी है और यह हालत तब है जब केंद्र में मनमोहन सिंह की नहीं नरेंद्र मोदी की सरकार है लेकिन पुलिस का रवैया पहले की ही तरह जस की तस बनी हुई है।
मंगोलपुरी में रिंकूू शर्मा की हत्या के बाद एक ट्विटर हैंडलर ने कहा कि हिंदू ब्राह्मण रिंकू शर्मा की जिहादियों ने जय श्रीराम बोलने पर हत्या कर दी। वहीं कुछ लोग रिंकू के हत्यारों के लिए फांसी तक की मांग कर रहे हैं और रिंकू शर्मा के हत्या के मामले में ट्विटर पर लोग गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
इतना ही नहीं ट्विटर पर ‘हैशटैग जस्टिस फॉर रिंकू शर्मा’ ट्रेंड कर रहा है। एक ट्विटर हैंडलर ने ट्वीट कर गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले पर एक्शन लेने के अपील की है।
अन्य एक ट्विटर हैंडलर ने रिंकू के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा कि हिंदू होने की वजह से उसे मौत के घाट उतार दिया गया, इसके अलावा और कुछ भी नहीं। उसने आगे कहा है कि सॉरी भाई, हम तुम्हें नहीं बचा सके।
दिल्ली पुलिस इस घटना को दूसरा रंग देना चाह रही है और पुलिस का कहना है कि बुधवार देर रात एक जन्मदिन की पार्टी में बहस के बाद रिंकू शर्मा को कथित रूप से जानने वाला एक आदमी और उसके तीन दोस्तों ने मिलकर रिंकू की हत्या कर दी थी
जबकि हत्या एक बिजनेस को लेकर हुए विवाद के कारण हुई, और इसके लिए किसी भी सांप्रदायिक एंगल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए लेकिन पुलिस मृतक के माता-पिता के बयान को सुनना नहीं चाहती जो चीख चीख चीख कर कह रहे हैं
कि उनके बेटे को जय श्री राम बोलनेे तथा मंदिर के लिए चंदा मांगने को लेकर मारा गया । इससे पहले मामले में आरोपी दानिश, इस्लाम, जाहिद और मेहताब नाम के चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया जबकि अब ताजुद्दीन नामक एक और आरोपी को पकड़ा गया है ।
इस घटना को लेकर राजनीतिक तौर पर सनसनी मची है और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने शुक्रवार को रिंकू शर्मा के परिवार से मुलाकात की और उन्हें 5 लाख रुपए की मदद का भरोसा दिया लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल से एक करोड़ रूपया मुआवजा देने की मांग की गई है
जबकि केजरीवाल मौके पर मृतक के परिजन से अब तक मिलने में नहीं पहुंचे हैं। उनकी पार्टी की विधायक राखी बिड़ला को मौके पर भीड़ का गुस्सा झेलना पड़ा और वह बैरंग वापस हो गई ।
इस बीच मौके पर जुटी भीड़ आरोपियों के घर तोड़फोड़ किया जबकि मृतक के घर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और वहां पर बीएसएफ की टुकड़ियों समेत ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। इस बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर अपनी नाकामी छुपाते हुए मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है ।