लखनऊ के अलीगंज स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल (सीएमएस) ब्रांच में 3 साल की एक लड़की के साथ 8 साल के एक लड़के द्वारा की गई शर्मनाक घटना बाहर आ गई। मामला जब बाहर निकला तो बहुत सी और चीजें भी बाहर आने लगी हैं। अब मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्कूली बच्चों के नाराज माता-पिता लगातार धरना दे रहे हैं, लेकिन न तो स्कूल-प्रबंधन के कान पर जूं रेग रही है और न प्रशासन ही कुछ कर रहा है। आरोप है कि मीडिया इस संवेदनशील घटना को तवज्जो देने को तैयार नहीं है। कहते मीडिया निष्पक्ष होता है लेकिन सीएमएस के मालिक जगदीश गांधी की हैसियत के आगे लगता है मीडिया भी बौना हो गया है।
सीएमएस के मालिक जगदीश गांधी एक रसूखदार शख्सियत हैं और आरोप है कि मीडिया घरानों तथा सत्ता में इनकी अच्छी पकड़ है! आये दिन नामी-गिरामी पत्रकारों के साथ इनकी तस्वीरें छपती रहती हैं! और मीडिया भी इनके आवभगत में पलकें बिछाये खड़ा रहता है। सीएमएस की ही दूसरी ब्रांच इंदिरा नगर पर भी आरोप है कि यह स्कूल के लिए निर्धारित मानकों पर भी खरा नही है। 19 अप्रैल 2018 को मैगसेसे पुरस्कार विजेता और सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे ने इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा परिषद (सीआईएससीई) को सिटी मोंटेसरी स्कूल, इंदिरानगर की संबद्धता (affiliation) रद्द अथवा वापस लेने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था। उनका यह दावा आरटीआई पूछताछ पर आधारित था।
सीआईएससी ने सीएमएस इंदिरानगर को कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था! साथ ही साथ जांच के बिना विद्यालय को संबद्धता प्रदान करने में शामिल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई या पूछताछ करने को कहा गया था। सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी मांगी गई है उसमें साफ लिखा है कि इसे ध्वस्त किया जाना चाहिए क्योंकि जिस हिसाब से इस स्कूल में छात्रों की संख्या है उस हिसाब से इस परिसर की आधारभूत संरचना नहीं है। लेकिन स्कूल के संथापक की ऊँची पहुँच की वजह से इसके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नही होती दिख रही है।
फेसबुक के एक यूजर मनीष पाण्डे ने सीएमएस पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि दरअसल न जाने कितने नौकरशाहों की पत्नियां यहां मोटी तनख्वाह पर अध्यापक के पद पर तैनात है जो अध्यापन छोड़ के बाकी सारे काम करती है। सपा हो बसपा हो कोई भी अन्य राजनीतिक पार्टी हो सब सीएमएस के मालिक जगदीश गांधी के आगे नतमस्तक है। समय समय पर गांधी जी सबको सम्मानित करते रहते है।
सिटी मोंटेसरी स्कूल (सीएमएस) मतलब जगदीश गांधी। आरोप है कि जगदीश गांधी मंत्री से लेकर नेता नौकरशाहों और पत्रकारों को अपने यहां हाजिरी लगवाते हैं। और उनके स्कूलों की काली करतूतैं बाहर लाने से पत्रकार डरते हैं। जो घटनाएं बाहर आ भी गई हैं उसे भी दिखाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं! कहा जाता है कि क्या अधिकारी और क्या पत्रकार सभी उनकी जेब में हैं? इनसे सम्बंधित कोई भी नकारात्मक खबर न मीडिया को दिखती हैं और न वह देखना चाहता है और जगदीश गांधी पूरे ठसक के साथ धड़ल्ले से स्कूल चलाने में मस्त है।
हालांकि सीएमएस की अलीगंज ब्रांच ने इस घटना और आरोपों को खारिज किया है! उन्होंने अपनी स्कूल की वेबसाइट में इस घटना के बारे में सफाई दी है…
एक दिन पहले कक्षा 8 के 2 बच्चों ने आपस में ‘ट्रूथ एवं डेयर’ गेम के तहत किसी बच्ची के ट्यूनिक की गर्दन/पीठ की जिप खोलने की शर्त लगाई थी। जिसको पूरा करने के लिए ही उस छात्र ने इस घटना को अंजाम दिया। जिसके बाद कक्षा 3 की उक्त छात्रा ने घर आकर इसकी शिकायत अपनी माँ से कर दी।
दूसरे दिन उस छात्रा की माता-पिता ने विद्यालय पहुंचकर प्रधानाचार्या से शिकायत की। इसके बाद संबंधित छात्र और उसके माता-पिता को प्रिंसपल आॅफिस में बुलाया गया जहां पर लड़की के पिता ने आक्रोश में आकर उस छात्र को दो थप्पड़ मार दिये। यह बात लड़के के पिता को नागवार गुजरी और उन्होंने इसका जमकर विरोध किया और दोनों पक्षों में तकरार शुरू हो गई।
लड़के के पिता ने कहा कि आपने मेरे बेटे को थप्पड़ मारकर अपराध किया है और इसके लिए मैं थाने में प्राथमिकी दर्ज कराऊंगा। यह सुनकर लड़की के पिता ने गुस्से में डाॅयल 100 पर पुलिस को इसकी सूचना दे दी। इसके बाद दोनो पक्ष अलीगंज थाने पहुंच गये। इस घटना के बाद, स्कूल प्रबंधन ने कक्षा 8 के छात्र (लड़के) को स्कूल से निष्कासित कर दिया।
लेकिन किसी भी पक्ष ने इस संबंध में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई वरन् छात्र के पिता ने सी.ओ. को लिखित में माफीनामा दिया एवं लड़की के माता-पिता ने लिखित में दिया कि वे कोई अग्रिम कार्यवाही नहीं चाहते हैं। इस प्रकार की निराधार खबर टी.वी. पर चलाये जाने पर, उस खबर का सोशल मीडया पर वायरल हो जाना स्वाभाविक है। लेकिन बड़े ही दुःख की बात हैं कि सच्चाई को जाने बगैर कुछ एन.जी.ओ. तत्वों ने प्रदर्शन भी शुरू कर दिया जो कि सही नहीं है।
Mrs Jyoti Kashyap
Senior Principal
CMS Aliganj Campus I
12th August 2018
URL: Why media is silent even after the black act of CMS School came out?
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