कई सालों से प्रियंका गांधी वाड्रा की कांग्रेस में आधिकारिक एंट्री को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।डूबते कांग्रेस को बचाने के लिए प्रियंका को तुरूप का इक्का माना जाता था लेकिन पार्टी अपने सबसे बुरे दौर में आने के बाद भी प्रियंका की आधिकारिक एंट्री से घबराई हुई थी। पार्टी को लगता था कि वाड्रा पर जितने आपराधिक मामले हैं प्रियंका के पति होने के कारण उसकी पार्टी में आधिकारिक एंट्री से कांग्रेस की परेशानी और बढ़ सकती है। लेकिन पार्टी को यह लगा की चुनाव में भावनात्मक माहौल बनाए रखने और वाड्रा जेल जाने से को बचाने के लिए प्रियंका की इंट्री अब जरूरी है । फिर बेहद नाटकीय तरीके से कैमरे की लुकाछिपी में प्रियंका की एंट्री हुई और वह टेलीविज़न स्क्रीन पर छा गई। जब प्रियंका की आधिकारिक एंट्री हुई यह कहा गया कि वह पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव के रूप में कार्यभार संभालेंगी। उसके बाद कैमरे प्रियंका को तलाशने लगे। प्रियंका उस वक्त विदेश में थी। बताया जाता है कि वह अपनी बेटी के इलाज के लिए विदेश में थी। दूसरी तरफ एक खबर उनकी सास और रॉबर्ट वाड्रा की मां की बीमारी को लेकर भी खबर थी। जैसे अब तक इस सच का पता नहीं चल पाया कि सोनिया किस बीमारी के इलाज के लिए विदेश जाती है और जाती है तो किस देश में जाती हैं। वैसे ही यह सच भी नहीं सामने आ पाया कि प्रियंका विदेश में इलाज आखिर किसका करा रही थी ।लेकिन जब प्रियंका की लॉन्चिंग हुई तो लुका छिपी का खेल जारी था । कांग्रेस महा सचिव की बैठक जब राहुल गांधी के घर होनी थी तो कैमरे से प्रियंका को छुपाया जाता रहा और एक व्हाट्सएप वीडियो डाला गया जिसमें उसे झुग्गी के अंदर गरीब बीमार और विकलांग युवक से बात कर रही थी। उनके इलाज का भरोसा दे रही थी। लेकिन वो टीवी कैमरे की पहुंच से बाहर थी। अगले दिन कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर जब नाटकीय तरीके से कांग्रेस ने प्रियंका को लांच किया उस वक्त भी वह मीडिया के कैमरे के पकड़ से बाहर थी। अफरातफरी टीवी कैमरे जब प्रियंका को तलाशते लगी पार्टी के तरफ से कांग्रेस महासचिव के रूप में पदभार संभालने के दौरान दो युवकों के साथ बैठक करते प्रियंका की पहली तस्वीर जारी की गई। कांग्रेस कार्यालय में पहली बार जो अपनी आधिकारिक कुर्सी पर महासचिव के तौर पर बैठी फोटो जारी किया गया उसमें दो युवक प्रियंका के साथ थे। बताया गया कि वे सलमान और सुल्तान थे । जो पार्टी कार्यकर्ता थे। उसने बाद में मीडिया बताया क्यों बहराइच में पार्टी के कार्यकर्ता हैं और प्रियंका गांधी ने उन पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है बीएफ पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए जमकर काम करेंगे प्रियंका कि कांग्रेस कार्यालय छोड़ने के बाद मीडिया में उन दोनों युवकों की इंटरव्यू कराए गए और संदेश उत्तर प्रदेश तक पहुंचाए गए कि प्रियंका जब आधिकारिक रूप से कुर्सी पर बैठी तो उसने दो नौजवान मुसलमानों से मुलाकात कर उसे पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंप दी। दूसरी तरफ अगले ही दिन कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा का सम्मेलन दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में था। वहां राहुल गांधी के तेवर अब तक के तेवरों से बेमेल था।अपने भाषण की शुरुआत ही राहुल गांधी ने एक शेर से किया ‘कौन सी बात कहां कही जाती है अगर सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है “ राहुल को पता था कि वे कौन सी बात कहां बोल रहे थे। राहुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर चोर कह रहे थे । यह पहलीबार था जब राहुल प्रधानमंत्री मोदी के साथ तू तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। राहुल जब मंच से बोल रहे थे उस वक्त तालियों की गड़गड़ाहट थी। इसलिए क्योंकि वो सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी से कह रहे थे कि 13 दिन आप जाने वाला है तू बस अब 60 दिन से कुर्सी पर बैठा है फिर हम एक एक पाई का हिसाब लेंगे जब कांग्रेस की सरकार आएगी विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष के द्वारा देश के प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग शायद पहली बार हो रहा था राहुल को पता था कि वे कहां बोल रहे हैं इसके लिए उन्हें बेहतरीन ब्रीफिंग की गई थी बॉडी लैंग्वेज सिखाया गया था जिस बॉडी लैंग्वेज का उपयोग कर रहे थे स्टेडियम के अंदर मौजूद लोगों को भा रहा था। आप के प्रधानमंत्री को जितनी गाली देते हैं तालियां उतनी बस्ती है जितनी बार प्रधानमंत्री को चोर कह रहे थे इस भाषा का इस्तेमाल कि तू चोर है अब तेरी सरकार जाने वाली है बस तू 60 दिन का मेहमान है चौकीदार तू चोर है राहुल उत्साह में थे और तालियां बज रही थी कांग्रेस के पदाधिकारियों को लग रहा था कि वाकई राहुल हीरो की भूमिका में है।दरअसल कांग्रेस पार्टी प्रियंका की लॉन्चिंग और राहुल कि इस बदलते तेवर के माध्यम से उत्तर प्रदेश में अपने वोट बैंक को एक बड़ा संदेश दे दी थी सपा और बसपा द्वारा उत्तर प्रदेश में अशोक घोषित कर दी गई कांग्रेस अपने मुस्लिम वोट पर कब्जा बनाए रखने के लिए एक संदेश देना चाहती थी कांग्रेस को पता है कि मोदी को जितना गाली देंगे मुस्लिम वोट उतना उनके साथ होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट अभी मुलायम सिंह यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ मानी जाती है इस लिहाज से उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के लिए बड़े मायने रखते हैं। इसलिए प्रियंका की लॉन्चिंग में जिन दो युवकों के चेहरे सामने रखे गए वह प्रत्यक्ष रूप से दिखाने की कोशिश की गई कि सलमान और सुल्तान की भूमिका उत्तर प्रदेश में क्या है और राहुल का मिजाज उत्तर प्रदेश के लिए क्या है। लेकिन राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी अब भी अतीत जीवी है वह बोल रहे हैं कि सोशल मीडिया का दौर है इनडोर स्टेडियम में अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग कर रहे थे वह टीवी कैमरे पर दिख रहा था वह सोशल मीडिया के माध्यम से पूरा देश देख रहा था राहुल जो संदेश इंदौर स्टेडियम के अंदर देना चाह रहे थे वह संदेश पूरे देश के लिए था कांग्रेस यह बोल रही है कि अब मैदान के अंदर दिए गए भाषण के मायने पूरे देश को समझना होता है बंद कमरे से जारी की गई तस्वीर के मायने पूरे देश को समझना होता है सही मायने में कांग्रेस देश के मिजाज को समझ ही नहीं पा रही तो सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस को यह देश समझा रहा है कि वक्त बदल गया है वोट बैंक की राजनीति के मायने बदल गए हैं। URL : why Priyanka gandhi launched by congress in delhi with two muslim youth,
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दो मुस्लिम युवकों के साथ प्रियंका की लॉन्चिंग ,और कांग्रेस अल्पसंख्यक सम्मेलन में पीएम मोदी के लिए राहुल की तू तड़ाक वाली भाषा के मायने क्या है!
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