देश की राजधानी में एक हिंदू के साथ मॉब लिंचिंग की गई, लेकिन मोमबत्ती गैंग चुप है। यदि कोई मुस्लिम की इस तरह से दर्दनाक हत्या हुई होती तो अब तक राहुल और प्रियंका की जोड़ी कथित धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए लुटियंस मीडिया के साथ मिलकर सड़क पर लेट- लेट कर नौटंकी कर रही होती।
उधर ,पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे गए हिंदू युवक राहुल राजपूत को इंसाफ दिलाने के लिए पीड़ित परिवार के साथ साथ वह मुस्लिम महिला दोस्त भी सामने आई है और वह इंसाफ के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रही है।
पहले पुलिस के तरफ से कहा गया कि राहुल और मुस्लिम लड़की के संबंध टीचर और छात्र का था और दोनों सिर्फ दोस्त थे।यह मामला सिर्फ दो परिवारों का है, लेकिन इस बीच मुस्लिम लड़की ने यह खुलासा किया है कि वह राहुल से प्रेम करती थी। उसका कहना है कि उसी के कहने पर राहुल उसके भाइयों से मिलने आया था, जहां उसकी हत्या कर दी गई।
प्रेमिका इस पूरे मामले को लेकर सीबीआई जांच चाहती है जबकि उसका कहना है कि पुलिस चाहती तो मेरे प्यार को बचा सकती थी। उसने आगे बताया मेरे प्यार को मारने के लिए मेरा ही सहारा लिया गया और उसकी इच्छा बाकी जिंदगी अपने राहुल के घर पर बिताने की है। वो अपने ही परिवार से अपनी जान की सुरक्षा मांग रही है।
लड़की ही हत्या की एकमात्र चश्मदीद है। जिसने अपने दोस्त राहुल को आरोपियों से बचाने की भी कोशिश की थी। लड़की घटना वाली रात का एक एक किस्सा रोते हुए बताती है कि किस तरह राहुल को मारा गया। इस हत्याकांड को लेकर मुस्लिम लड़की के दो भाई और उसके तीन मामा के नाबालिग बेटों को पुलिस ने पकड़ा था।
अब राहुल को इंसाफ दिलवाने के लिए उसकी प्रेमिका खुलकर सामने आ गई है। उसका कहना है कि तीन और आरोपी थे। पुलिस ने अब तक उनको क्यों गिरफ्तार नही किया है। उसका कहना है कि उसके भाइयों ने एक सोची समझी साजिश के तहत राहुल को मारने के लिए उसको झूठ बोलकर साथ लिया था।
उसने बताया कि राहुल और वो पूरा दिन साथ में थे। खूब बातें की थी। उस दिन राहुल की तबीयत ठीक नहीं थी। शाम 6 बजे के करीब मेरे मामा के लड़के का फोन आया था। जिसने कहा था कि राहुल का नंबर नहीं लग रहा है। उसे बताया था कि राहुल की मम्मी ने उसका फोन बेच दिया है।
मैंने उसे राहुल की चाची का नंबर दिया। उसने चाची के नंबर पर कॉल किया। फिर बातचीत कर हमें मिलने के लिए बुलाता है। लड़की ने बताया कि फोन काटने के बाद राहुल मुझसे पूछता है कि जाऊं कि न जाऊं। मैंने ही उससे कहा कि 5 मिनट के लिए चले जा।
मैं बाहर निकल कर मामा के लड़के को फोन करती हूं कि राहुल 5 मिनट के लिए मिल लेगा। वो मिलने के लिए बुलाते हैं और फिर राहुल को मार देते हैं। उसने बताया कि राहुल की हत्या में मेरा सगा भाई, मेरे मामा का लड़का शहनवाज, दूसरे मामा का लड़का समेत 7-8 लड़के शामिल थे।
लड़की का कहना है कि जहां यह वारदात हुई। उसी के थोड़ी दूरी पर पुलिस चौकी है। मैं भागकर वहां जाती हूं और कहती हूं कि सर वहां पर मारपीट हो रही है, लेकिन कोई नहीं जाता है।
पुलिस वाले कहते हैं कि वहां जाओ, वहां जाओ, बस यही कहते रहे। लड़की रोते हुए बताती है कि वह राहुल को इंसाफ दिलवाने के लिये सीबीआई जांच चाहती हूं। राहुल के पिता संजय राजपूत ने बताया कि तीन जो नाबालिग पुलिस ने पकड़े हैं।
उन पर बालिग की तरह कार्रवाई होनी चाहिए। इन लोगों ने राहुल को बेहद प्लांनिग और प्रोफेशनल क्रिमिनल की तरह से राहुल की पीट पीटकर हत्या की है और सभी को फांसी होनी चाहिए।
हैरानी की बात यह है देश की राजधानी में एक गरीब ड्राइवर के लड़के की कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों के द्वारा की गई बर्बर हत्या की गई। क्या इस गरीब युवक की एक मुस्लिम युवती से दोस्ती होना गुनाह है और पुलिस प्रशासन भी इस घटना से सबक सीखने को तैयार नहीं है।
देश के लिए यह बहुत चिंता का विषय है कि जब भी किसी हिंदू लडके का किसी मुस्लिम लड़की से प्यार हो जाता है तो वह लड़का अपराधी बन जाता है परंतु जब कोई मुस्लिम लड़का किसी हिंदू लड़की से जबरन या धोखा देकर भी संबंध स्थापित करता है तो वह किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। हिंदू युवक को अपराधी मानकर उसकी मॉब लिंचिंग कर देना किसी सभ्य समाज का लक्षण नहीं हो सकता।
इस कट्टरता व हिंसक घृणा को बढ़ावा देने के लिए कथित सेकुलर बिरादरी भी कम दोषी नहीं है। मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति के साथ हुई कुछ घटनाओं के लिए वे न केवल केंद्र सरकार को अपितु हिंदू समाज व संपूर्ण देश को कटघरे में खड़ा कर देते हैं परंतु राहुल जैसे पचासों युवकों की मॉब लिंचिंग पर उनके मुंह से संवेदना का एक शब्द भी नहीं निकलता।