अर्चना कुमारी। कोरोना से पति की मौत के बाद मंजू पूरी तरह से डिप्रेशन की शिकार हो गई थी । घर की माली हालत भी ठीक नहीं थी। इस पर से जवान बेटियों की शादी की चिंता उसे परेशान कर रखा था। इसके बाद मंजू ने जो फैसला किया, उससे इंसानियत कांप जाएगी। दरअसल दिल्ली की पॉश कॉलोनी वसंत विहार इलाके में रहने वाली मंजू नाम की एक महिला ने अपनी दो बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली।
वसंत विहार थाना पुलिस ने तीनो के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए । मौके से सुसाइड नोट बरामद किया गया है। जांच में सामने आया है की परिवार डिप्रेशन में था, क्योंकि महिला के पति की कोरोना से मौत हो गई थी। शनिवार रात करीब 8 बजे पुलिस को सूचना मिली की वसंत अपार्टमेंट में एक फ्लैट का गेट अंदर से बंद है।
पुलिस टीम ने पाया कि घर का गेट और खिड़की अंदर से बंद थी। पुलिस ने गेट तोड़े और अंदर प्रवेश किया। घर के अंदर अंगीठी जली हुई थी और गैस सिलेंडर खुला हुआ था। पुलिस टीम अंदर के कमरों की जांच की तो वहां तीन शव मौजूद थे। तीनो शव एक ही कमरे में थे। मृतकों की पहचान मां मंजू और बेटी अंशिका और अंकू के रूप के हुई।
मरने से पहले मां और दोनों बेटियों ने पूरे घर को गैस का चेंबर बना रखा था। यहीं कारण था 55 वर्षीय मंजू और उनकी दोनों बेटी की दम घुटने से मौत हो गई। हालांकि उन्होंने दीवार पर एक सुसाइड नोट लिख रखा, जिस पर लिखा था प्लीज दरवाजा खोलने के बाद माचिस या लाइटर ना जलाये। घर में काफी गहरीली गैस भरी हुई है। उन्हें पता था कि दरवाजा तोड़ अंदर आने के बाद कोई माचिस या लाइटर जला सकता है जिससे कमरे के अंदर ब्लास्ट हो सकता है कि लोगों की जान भी जा सकती है। परिवार के मुखिया उमेश की 2021 में कोरोना के कारण मौत हो गई थी। वह चार्टर्ड अकाउंटेंट थे।