भ्रष्टाचार हिंदू का दुश्मन , अब सब मिलकर इसे हटाओ ;
पुलिस व्यवस्था सुधर जायेगी , रामराज्य सा सारे पाओ ।
भ्रष्टाचार जब दूर हटेगा , नेता अफसर सही करेंगे ;
गुंडों की गुंडई न चलेगी , पिटते पिटते सुधर जायेंगे ।
जबरजिनाह कहीं न होगा , सारी बेटियां बच जायेंगी ;
लूट , डकैती , चोरी , हत्या , ये भी सारी मिट जायेंगीं ।
भ्रष्टाचार हटेगा सारा , सभी योजना ठीक चलेंगी ;
कोई किसी का हक न मारे , इसी तरह की नीति रहेगी ।
आगे बढ़ने का हर अवसर ,सभी को एक समान मिलेगा ;
नहीं जरूरत आरक्षण की , संरक्षण हर किसी का होगा ।
अतिक्रमण भी कहीं न होगा , कहीं प्रदूषण भी न होगा ;
सड़कों में कोई न रुकावट , यातायात सुचारु चलेगा ।
सड़कों पर कोई न कब्जा , ट्रैफिक जाम कहीं न होगा ;
लाउडस्पीकर उतर जायेंगे , शोर शराबा कहीं न होगा ।
अपने घर सब करेंगे पूजा , बीच सड़क पूजा न होगी ;
राहगीरों की सारी सड़कें , उन पर कोई नमाज न होगी ।
अपराध नियंत्रण पुलिस करेगी,केवल अपना काम करेगी ;
व्यर्थ में कोई जुलूस न निकले,इस बेगार से पुलिस बचेगी।
भ्रष्टाचार के साथ मिटेगा , जो भी आतंकवाद है ;
सक्षम पुलिस नष्ट कर देगी , जितना भी जेहाद है ।
अपराध और आतंक मिटेगा , कहीं नहीं कोई भय होगा ;
नेताओं की जेड सुरक्षा , घटेगी क्योंकि भय न होगा ।
पुलिस का बहुत बड़ा ये हिस्सा ,केवल अपना काम करेगा ;
सब अपराधी जेल में होंगे , कानून का शासन लागू होगा ।
भ्रष्टाचार हटेगा ज्योंही , राष्ट्र अमर हो जायेगा ;
यही तो हिंदूराष्ट्र के लक्षण , रामराज्य कहलायेगा ।
“वंदे मातरम -जय हिंद”
रचनाकार :ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”