भोपाल से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतार दिया है। यह वो ही दिग्विजय सिंह है जिन्होंने साध्वी प्रज्ञा समेत कर्नल प्रोहित, असीमानंद जैसो को हिंन्दू आतंकवाद कें झुठे आरोपों में जेल तक पहुंचवाया था और सारे हिंन्दु समाज पर हिंन्दु आतंकवाद का झुठा आरोप लगा कर अपमानित किया था।
बुधवार को रामलाल, शिवराज सिंह, सुहास भगत, अनिल जैन, प्रभात झा सहित अन्य नेताओं की उपस्थिति में साध्वी प्रज्ञा ने औपचारिक तौर पर भाजपा का दामन थामा लिया है।
यहां जानिए साध्वी प्रज्ञा से जुड़े मामलों के बारे में-
मक्का मस्जिद धमाका
18 मई, 2007 को हैदराबाद के चार मीनार इलाके के पास स्थित मस्जिद के वजुखाने में हुआ था जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 58 लोग घायल हुए थे। इस धमाके की पहलीं जांच में सुरक्षा एजेंसी नें आतंकी संगठन हरकत उल जमात-ए-इस्लामी यानी हूजी पर शक जताया गया था। पर तीन साल बाद 2010 में सुरक्षा एजेंसी नें अभिनव भारत नामक सगंठन से जुडे असीमानंद को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा इस सगंठन के सदस्य (लोकेश शर्मा, देवेंद्र गुप्ता) और साध्वि प्रज्ञा अभियुक्त बनाया गया था। कोर्ट ने बाद में सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया था।
अब इस चुनाव में तय हो जायेगा की जनता हिंन्दू आतंकवाद का षडयंत्र रचने वालों के साथ है या इस झुठे हिंन्दू आतंकवाद के पीड़ितों के साथा है।
URL: Will defeating Digvijay Singh get revenge for the insult of Hindu terrorism?
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