केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जनजागरण कर रहे हैं. सोशल मीडिया के बाद अब रैलियों के जरिए यह मुहिम धरातल पर चलाई जा रही है। मांग की जा रही कि अधिकतम दो बच्चों वाला कानून बनाया जाए. जो इसका पालन न करे उससे वोट देने, चुनाव लड़ने सहित सभी अधिकार और सरकारी योजनाओं का लाभ छीन लिया जाए. इसी सिलसिले में रविवार को गाजियाबाद के रामलीला मैदान में आयोजित जनसंख्या नियंत्रण रैली में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जहां जनसंख्या नियंत्रण न होने की स्थिति में देश में गृहयुद्ध की आशंका जताई और सरकार के सामने भी अविलंब कानून बनाने के लिए दबाव डालने की भी बात की, वहीँ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि हम दो-हमारे दो कानून के बिना देश में रामराज्य स्थापित करना मुश्किल ही नहीं नामुंकिन है !
गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जनसंख्या समाधान फाउंडेशन द्वारा आयोजित जनसँख्या नियंत्रण रैली को संबोधित करते हुए उपाध्याय ने चीन की तर्ज पर कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग किया! उन्होंने कहा कि हजारो साल पहले भगवान राम तथा उनके भाई लक्षमण, भरत और शत्रुघन ने स्वयं हम दो-हमारे दो का पालन किया था जबकि उस समय जनसँख्या की समस्या इतनी खतरनाक नहीं थी और वर्तमान समय में तो जनसँख्या विस्फोट बम विस्फोट से भी अधिक खतरनाक है! उपाध्याय इसके पहले जनसंख्या नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल कर चुके हैं !
उपाध्याय ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है लेकिन जनसँख्या विस्फोट के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है! उपाध्याय ने कहा कि चीन की तर्ज पर एक कठोर जनसँख्या नियंत्रण कानून के बिना बेटी बेटी पढाओ – बेटी बचाओ अभियान भी सफल नहीं हो सकता है क्योंकि बेटी पैदा होने के बाद महिलाओं पर शारीरीक और मानसिक अत्याचार किया जाता है, जबकि बेटी पैदा होगी या बेटा, यह महिला नहीं बल्कि पुरुष पर निर्भर है! बेटियों को बराबरी का दर्जा मिले, बेटियों का स्वास्थ्य ठीक रहे, बेटियां सम्मान सहित जिंदगी जीयें तथा बेटियां खूब पढ़ें और आगे बढ़ें, इसके लिए तत्काल जनसँख्या नियंत्रण हम दो – हमारे दो कानून बनाना बहुत जरूरी है!
पश्चिम उत्तर प्रदेश से आये लगभग पांच हजार लोगों को संबोधित करते हुए उपाध्याय ने कहा कि हमारे देश की जनसँख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा है और हम चीन से बहुत आगे निकल चुके हैं! उन्होंने कहा कि देश में 122 करोड़ लोगों के पास आधार है, लगभग 20% अर्थात 25 करोड़ लोग बिना आधार के हैं तथा लगभग 5 करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से रहते हैं! भारत की कृषि योग्य भूमि दुनिया की मात्र 2% है, पीने योग्य पानी मात्र 4% है और जनसँख्या दुनिया की 20% है! यदि चीन से तुलना करें तो भारत का क्षेत्रफल चीन का लगभग एक तिहाई है और जनसँख्या वृद्धि की दर चीन की तीन गुना है ! चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे पैदा होते हैं और भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं!
उपाध्याय ने कहा कि भारत की अधिकांश समस्याओं का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है ! जल जंगल और जमीन की समस्या, रोटी कपड़ा और मकान की समस्या, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या, भुखमरी और कुपोषण की समस्या तथा वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण की समस्या का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है ! टेम्पो, बस और रेल में भीड़, थाना, तहसील और जेल में भीड़ तथा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भीड़ का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है! चोरी डकैती और झपटमारी, घरेलू हिंसा और महिलाओं पर अत्याचार तथा अलगाववाद, कट्टरवाद और पत्थरबाजी का मूल कारण भी जनसँख्या विस्फोट है! उन्होंने कहा चीन की तरह एक प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून लागू किये बिना स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत साक्षर भारत संपन्न भारत समृद्ध भारत सबल भारत सशक्त भारत सुरक्षित भारत समावेशी भारत स्वावलंबी भारत स्वाभिमानी भारत और संवेदनशील भारत का निर्माण मुश्किल ही नहीं नामुंकिन है!
उपाध्याय ने कहा कि अंतराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की दयनीय स्थिति का मुख्य कारण भी जनसँख्या विस्फोट है और उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ही अटल सरकार द्वारा बनाये गए संविधान समीक्षा आयोग (जस्टिस वेंकटचलैया आयोग) ने 2002 में संविधान में आर्टिकल 47A जोड़ने और एक प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था जिसे आजतक लागू नहीं किया गया ! उपाध्याय ने कहा कि अबतक 123 बार संविधान संशोधन हो चुका है, 2 बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी बदला जा चुका है, सैकड़ों नए कानून बनाये गए लेकिन देश के लिए सबसे ज्यादा जरुरी जनसँख्या नियंत्रण कानून आज तक नहीं बनाया गया, जबकि इससे देश की 50% से अधिक समस्याओं का समाधान हो जाएगा !
इस मौके पर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल चौधरी, संयोजक ममता सहगल, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र नाथ गिरी, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अतुल गर्ग, गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा, सांसद प्रतिनिधि बलदेवराज शर्मा, साहिबाबाद के विधायक सुनील शर्मा, लोनी के विधायक नन्द किशोर गुर्जर और चेयरमैन रंजीता धामा, विधायक प्रशांत चौधरी, वरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश गोयल, महेश आहूजा, पिंकी चौधरी, डा. हरपाल सिंह, अमरदत्त शर्मा, प्रदीप चौधरी, सर्वेश शर्मा, अतुल कुमार जैन, डॉक्टर अलका सैनी ने भी जनसँख्या विस्फोट के दुष्परिणाम से बचने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल हम दो-हमारे दो कानून लागू करने की मांग किया!
URL: without population act ideal rule in country is impossible!
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