अर्चना कुमारी। देश की राजधानी की कानून व्यवस्था की हालत है कि महिला जज भी सुरक्षित नहीं है। पुलिस सूत्रों का कहना है गुलाबी बाग इलाके में महिला जज से लूटपाट करने के मामले में पुलिस ने दो बदमाशों को अवश्य धर दबोचा लेकिन उन लोगों ने महिला जज को सरेआम शिकार बनाया । आरोपियों की पहचान मोहम्मद दिलशाद और राहुल के रूप में हुई है।
आरोपियों ने लूटपाट के दौरान महिला जज रचना तिवारी को धक्का दे दिया था, जिसकी वजह से वह सिर के बल नीचे गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी पीड़िता से उनका बैग लूटकर ले गए थे। इसमें आठ हजार रुपये के अलावा जरूरी कागजात व अन्य सामान मौजूद था।
जज के 12 वर्षीय बेटे ने इसका विरोध किया था तो आरोपियों ने उसकी भी पिटाई कर दी थी। बाद में दोनों मौके से फरार हो गए थे। शुरुआती जांच के दौरान पुलिस को आरोपियों के पास से महिला जज का एटीएम कार्ड व लूटे गए साढ़े चार हजार बरामद हो गए हैं। महिला जज रचना तिवारी अपने पति आलोक लखनपाल और 12 साल के बेटे के साथ डीडीए फ्लैट गुलाबी बाग इलाके में रहती हैं।
छह मार्च की रात करीब 10 बजे वह खाना खाकर अपने बेटे के साथ नीचे टहल रही थीं। इस बीच बाइक सवार दो बदमाशों ने रचना से उनका बैग छीनने की कोशिश की। बताया जाता है कि महिला जज रचना ने बैग नहीं छोड़ा तो आरोपियों ने उनको धक्का देकर बैग छीन लिया। इस दौरान रचना सिर के बल सड़क पर गिरकर जख्मी हो गईं।
आरोपियों ने रचना के 12 साल के बेटे को भी नहीं छोड़ा। उसकी भी पिटाई कर दी। रचना का बेटा घर पहुंचा और उसने पिता को खबर दी। रचना के पति उनको अस्पताल लेकर पहुंचे। बयान देने की हालत में न होने की वजह से अगले दिन रचना के 12 साल के बेटे के बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। दिलशाद के खिलाफ पहले से 10 मामले दर्ज हैं। वहीं राहुल पहली बार पकड़ा गया है। इनकी गिरफ्तारी से लूटपाट के छह मामले सुलझे ।