अर्चना कुमारी । यदि आप बेरोजगार हैं और कोई आपको वर्क फ्रॉम होम के लिए बोल रहा है तो जरा सावधान रहिए । अन्यथा आप भी ठगी के शिकार हो सकते हैं । पुलिस का दावा है कि वर्क फ्रॉम होम के नाम पर बेरोजगार नौजवानों से ठगी करने वाले एक गैंग के दो लोगों को उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया ।
आरोपियों की पहचान गैंग लीडर बरेली, यूपी निवासी तुषार कुमार उर्फ ऋतिक (20) और बरेली निवासी मो. अकरम अली (22) के रूप में हुई है। पुलिस का दावा है कि दोनो ने मिलकर गूगल प्ले स्टोर पर एक एप ‘FREELANCER.COM’ डाला हुआ था। इस एप में दावा किया जाता था कि यूके की कंपनी की ओर से वर्क फ्रॉम होम काम करवाया जा रहा है।
इतना ही नहीं काम प्राप्त करने के लिए एप पर कम से कम रुपयों में काम प्राप्त करने की बोली लगाई जाती थी। सबसे कम बोली वाले से संपर्क कर उससे अलग-अलग मदों में रुपये ऐंठ लिये जाते थे। पुलिस को पता चला है कि इन लोगों ने सैकड़ों लोगों से ठगी की। आरोपियों के पास से पुलिस ने एक लैपटॉप, 9 मोबाइल, 25 सिमकार्ड, 12 पहले से एक्टिवेट सिमकार्ड, 30 नॉन एक्टिवेटेड सिम, बायोमेट्रिक फिंगर डिवाइस और एक कार भी बरामद की है। दरअसल इस बारे मे 23 वर्षीय युवती ने ठगी की शिकायत दी थी।
उसका कहना था कि उसने यू-ट्यूब पर एक वीडियो देखी थी। वीडियो में यूके आधारित कंपनी के एप फ्रीलांसर डॉट कॉम के जरिये घर बैठे ही रुपये कमाने का दावा किया गया था। इसके बाद कमाने के लिए उसने गूगल प्ले स्टोर से एप को डाउनलोड कर लिया। एप डाउन लोड करने के बाद अपनी पसंद के काम को चुनने के बाद पीड़िता से काम के बदले रुपयों की बोली लगाने के लिए कहा गया।
बताया जाता है कि इसके बाद पीड़िता ने बोली लगा दी। उसे काम मिल गया और उसने काम पूरा भी कर दिया। इसके बाद उसके पास एक ईमेल और मोबाइल पर कॉल आई। आरोपियों ने पीड़िता से काम के बदले रुपये लेने के लिए कुछ पैसों की डिमांड की। आरोपियों ने रजिस्ट्रेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, इंटरनेशनल बैंक ट्रांजैक्शन चार्ज, व अन्यों के मद में करीब 12 हजार रुपये ठग लिये।
इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई और दोनों आरोपियों को गहन जांच के बाद गिरफ्तार किया गया। पुलिस का दावा है कि जिससे अकाउंट में रुपए भेजे गए थे ,उसके जरिए दोनों की गिरफ्तारी की गई। पुलिस को पता चला कि ठगी का धंधा उत्तराखंड से चल रहा है। पुलिस की एक टीम को किच्छा, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड भेजा गया।
वहां से पुलिस ने 19 मई को आरोपी तुषार कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पूछताछ के बाद एक टीम को बरेली भेजा गया। ठगी के लिए सिम उपलब्ध कराने वाले आरोपी मो. अकरम अली को बरेली से गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में सामान बरामद किया। पूछताछ के दौरान तुषार ने बताया कि वह पहले प्लेसमेंट एजेंसी में काम कर चुका था। यहां से उसे ठगी का आइडिया आया।