काफी मशक्कत के बाद सीबीआई को अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाने में कामयाबी मिली है । अब जब मिशेल भारत आ गया हो तो फिर इस घोटाले की जांच की आंच से कई घर भी जलने वाले हैं। वैसे तो इटली में इस मामले की हुई सुनवाई के दौरान मिशेल के साथ तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अहमत पटेल के गहरे रिश्ते के सबूत भी भारतीय जांच एजेंसी के पास पहुंच चुके हैं। लेकिन इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार तथा पॉयनीयर के विशेष संवाददाता जे गोपीकृष्णन के बहुत अहम खुलासा किया है। उन्होंने अपने ब्लॉग के माध्यम से यह खुलासा किया है कि गांधी परिवार का संबंध महज मिशेल तक ही नहीं सीमित था। बल्कि मिशेल के पिता वल्फगैंग रिचर्ड मिशेल के साथ भी काफी गहरा रिश्ता था।
मुख्य बिंदु
* 80 और 90 के दशक में मिशेल के पिता वल्फगैंग रिचर्ड मिशेल ने भारतीय डिफेंस डील में निभाई थी अहम भूमिका
* कांग्रेस नेतृत्व के साथ गहरे रिश्ते की वजह से ही वल्फगैंग ने दिल्ली के विक्रम सिंह के साथ मिलकर बनाई थी नई कंपनी
अपने ब्लॉग में मिशेल के पिता वल्पगैंग के बारे में गोपीकृष्णन ने लिखा है कि मिशेल से पहले वह भी एक हथियार डीलर था जो भारत के लिए काम किया करता था। वह 80 और 90 के दशक में भारतीय रक्षा सौदे में काफी सक्रिय था। उन्होंने बताया है कि वल्फगैंग को उस समय कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व के काफी करीब माना जाता था। उस दौर में एयरोस्पेस उद्योग में वल्फगैंग महत्वपूर्ण आर्म डीलर था। उसका संबंध न केवल भारत में कांग्रेस नेतृत्व के साथ था बल्कि वह लिबिया, रूसी देश तथा ईरान और इराक में ब्रिटेन से हथियार आपूर्ति कराने में महत्वपूर्ण किरदार निभाता था। बाद में 90 के दशक में ही अपने पिता के आर्म्स डील व्यवसाय को क्रिश्चियन मिशेल ने संभाल लिया। वल्फगैंग का कांग्रेस नेतृत्व के साथ 2012 में उसके निधन तक काफी घनिष्ट रिश्ता रहा।
ध्यान रहे कि ब्रिटेन के जिस पते के कारण मिशेल भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई के रडार पर आया दरअसल वह पता मिशेल के घर का था। इसी घर को बेचने के लिए मिशेल न जब विज्ञापन दिया था तभी सीबीआई को उसका पता चल पाया। दरअसल इसी घर के पते पर मिशेल के पिता वल्फगैंग ने अपनी कंपनी बनाई थी। उन्होंने ओल्ड चेल्सिया म्यूज, 18 डॉवर्स स्ट्री, एसडब्ल्यू 3 के पते पर ही दिल्ली निवासी विक्रम सिंह के साथ मिलकर एक कंपनी रजिस्टर्ड करवाई थी। बाद में इस कंपनी का दायित्व मिशेल ने ही संभाल लिया। बाद में दिवालिया होने के चलते उसे लंदन छोड़ने के साथ कंपनी का डायरेक्टरशिप भी छोड़ना पड़ा। लंदन छोड़ने के बाद से ही वह दुबई में रह रहा था।
अब जब कांग्रेस नेतृत्व का मिशेल के साथ खानदानी रिश्ते का खुलासा हो गया है तो फिर इस घोटाले में गांधी परिवार का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लगता है। मिशेल और उसके बाप के साथ कांग्रेस नेतृत्व के पुराने रिश्ते उजागर होने से कांग्रेस के शासनकाल के दौरान हुए भारतीय रक्षा सौदों पर संदेह गहरा गया है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि वर्तमान सरकार को न केवल अगस्त वेस्टलैंड सौदा घोटाले की विस्तार से जांच कराने की जरूरत है। इतना ही नहीं मिशेल और उसके बाप के माध्यम से हुए हर डिफेंस डील की जांच कराने की जरूरत है।
URL : Not only Mitchell, his weapon dealer father was also a relation with Gandhi family!
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