अर्चना कुमारी । जिहादी मानसिकता से ओतप्रोत तथा विदेशी फंडिंग के सहारे बंदूक की गोली के बल पर कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से निकालने में अहम भूमिका निभाने वाला यासीन मलिक तिहाड़ जेल में ड्रामा कर रहा है। जिंदगी भर हिंसा की नीति पर विश्वास रखने वाला फिलहाल कथित गांधीगिरी पर उतर आया है क्योंकि तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक जेल के अंदर ही भूख हड़ताल पर है।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक इन दिनों तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा । उसका आरोप है, की उसके खिलाफ जो विचाराधीन मामला चल रहा है, उसकी जांच सही तरीके से नहीं की जा रही है। लेकिन सूत्रों का कहना है प्रतिबंधित जेकेएलएफ के सरगना यासीन मलिक ने 13 जुलाई को एक सीबीआई अदालत से कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होकर गवाहों से खुद जिरह करना चाहता है और इसकी अनुमति नहीं मिलने पर वह भूख हड़ताल करेगा।
सूत्रों का दावा है कि इस बारे में उसे अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी गई, जिसके बाद वह नाटक बाजी पर उतर आया । इसके अलावा वह अपनी और विदेशी मीडिया का ध्यान खींचना चाहता है ताकि उसे सहानुभूति कार्ड खेलने का मौका मिल जाए। यासीन की भूख हड़ताल पर होने की जानकारी आने के बाद जेल के कई ऑफिसर ने यासीन मलिक को भूख हड़ताल छोड़ने के लिए मनाया और भूख हड़ताल तुड़वाने की कोशिश की। लेकिन उसने भूख हड़ताल खत्म करने से साफ मना कर दिया।
इससे पहले इसी जेल में बंद महा ठग सुकेश चंद्रशेखर ने भी भूख हड़ताल का ड्रामा किया था । गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में हुई अलगाववादी हिंसा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक यासीन मलिक पर कई गंभीर आरोप हैं । वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का स्वयंभू चीफ रहा है। इसी साल मई 2022 में यासीन मलिक को आपराधिक षडयंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया और उसी मामलों वो उम्रकैद की सजा काट रहा है।
जेल प्रशासन द्वारा सरकारी एजेंसियों को इस बारे में अवगत करा दिया गया है और जल्द ही उसका ड्रामा समाप्त हो सकता है। यासीन मलिक तिहाड़ जेल संख्या 07 के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद है। पिछले शुक्रवार को उसे सुबह जब नाश्ता दिया गया, तो उसने नाश्ता करने से मना कर दिया।
उसने जेलकर्मियों को बताया कि वह आज से भूख हड़ताल पर है और इस बारे में जेल प्रशासन को पहले ही अवगत करा चुका है। जेल प्रशासन को जब उसके भूख हड़ताल के बारे में जानकारी मिली तो उसकी निगरानी बढ़ा दी गई।
जेल के डॉक्टर उसकी निगरानी रख रहे हैं ताकि स्थिति बिगड़ने पर उसे उपचार के लिए जेल के भीतर के अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। जेल प्रशासन इस मामले पर कुछ भी ज्यादा कहने से बच रहा है। लेकिन जेल प्रशासन पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहा है।