हिंदू का दुर्भाग्य सदा से , अच्छे – नेता नहीं मिले ;
जिन पर किया भरोसा उसने , सब के सब मादा निकले ।
शासन में है चोर – उचक्के , राजनीति में छक्के हैं ;
पढ़े-लिखे कमजोर हैं हिंदू , अनपढ़ उनसे अच्छे हैं ।
झूठे-इतिहास की गंदी-शिक्षा , पढ़कर हिंदू कमजोर हुआ ;
गांधी – नेहरू की चाल यही थी , राष्ट्र का गौरव नष्ट हुआ ।
अज्ञान की निद्रा हिंदू सोया , धर्म – सनातन भूल गया ;
दुष्परिणाम सामने आया , हिंदू – समाज सब बिखर गया ।
अज्ञान की निद्रा मौत की निद्रा,हर हालत में अब तो जागो ;
सोशल-मीडिया लेकर आया , ज्ञान का सूरज, सारे जागो ।
संदीप देव व संजय दीक्षित , नीरज अत्री सब जगा रहे ;
अंकुर आर्य हों,शंकर शरण हों,तुफैल भी सच को बता रहे ।
जागो हिंदू हर – हाल में जागो , और न दूजा मार्ग है ;
तुम्हें जागना डटकर लड़ना , यही विजय का मार्ग है ।
धर्म की रक्षा तुझको करना , तू भी रक्षित हो जायेगा ;
धर्म बचेगा – राष्ट्र बचेगा , देश सुरक्षित हो जायेगा ।
जीत का अभी भी पूरा मौका , इसको .नहीं गंवाना है ;
दो – दो नायक पास हमारे , हर – हाल में हमें जीतना है ।
यूपी में शेर है अपना योगी , व आसाम में हेमन्ता ;
इन्हीं के हाथों देश सुरक्षित , हर-दुश्मन का हो अंता ।
वरना देश के कायर – नेता , पूरा – राष्ट्र गंवा देंगे ;
कितना राष्ट्र को तोड़ चुके हैं ? पूरा – देश मिटा देंगे ।
हर – हिंदू का दृढनिश्चय हो , हमको राष्ट्र बचाना है ;
योगी – हेमंता में ही दम है , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
एकमात्र अब लक्ष्य यही हो , नेता अविलम्ब बदलना है ;
दो – वर्षों में मिट जाओगे , हमको अभी संभलना है ।
पार्टी वालो ! तुम भी सुनलो , यदि अस्तित्व बचाना है ;
अपना नेता फौरन बदलो , योगी – हेमंत को लाना है ।
योगी लाओ – धर्म बचाओ , राष्ट्र बचाओ – देश बचाओ ;
सर्वश्रेष्ठ बस यही मार्ग है , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”