देश का नेता महाधूर्त है , कायर, कुटिल ,कपूत है ;
गजवायेहिंद का एजेंडा है , ये इस्लामी दूत है ।
इसी से झूठा-इतिहास पढ़ाता, जातिवाद से हमें तोड़ता ;
पक्षपात की साजिश ऐसी , जेहादी सब नौकरी पाता ।
राष्ट्र की जड़ में डाले मट्ठा , पूरी नींव खोखली करता ;
कठपुतली बन चुका है ऐसी , जेहादी हर नाच नचाता ।
बीएचयू को भ्रष्ट कर दिया , हिंदू-मंदिर तुड़वाता है ;
अल्पसंख्यक संस्थान बढ़ाकर , राष्ट्र तोड़ता जाता है ।
बुद्धि इसकी भ्रष्ट हो चुकी , हिंदू का विनाश कर रहा ;
जिम्मी-सेक्युलर आगे करके,राष्ट्र का सत्यानाश कर रहा।
इसका पद में रहना घातक , इसको फौरन छुट्टी दो ;
हिंदू-धर्म सूर्य हैं योगी , उनका राजतिलक कर दो ।
मौत के मुंह में राष्ट्र जा रहा , एक-एक दिन भी भारी है ;
मूंढ बनी है हिंदू – जनता , लड़े बिना ही हारी है ।
गर हिंदू को धर्म बचाना , खुलकर सामने आना है ;
सारे – हिंदू एक – जुट हों , सारे भेद मिटाना है ।
जैसा भी है संविधान , अक्षरसः लागू करना है ;
राज्य के तीनों अंग पृथक हैं , उनको आदर्श बनाना है ।
भ्रष्टाचार को कैंसर मानो , तगड़ा ऑपरेशन करना है ;
गजवायेहिंद की यही फसल है , पूरी तरह जलाना है ।
देश का नेतृत्व योगी का हो , यूपी – आसाम बनाना है ;
जस का तस कानून हो लागू , भेद नहीं कुछ करना है ।
योगी के आने से ही , ये राष्ट्र राह पर आयेगा ;
वामी, कामी, जिम्मी, सेक्युलर, जेहादी मिट जायेगा ।
धर्म – सनातन के प्रभाव से , राम – राज्य भी आयेगा ;
राम-राज्य को निश्चित मानो , पर जब योगी आयेगा ।
राम-राज्य हमको पाना है , योगी को ले आना है ;
तब ही हिंदू – धर्म बचेगा , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
हिंदू – धर्म बचाना होगा , वरना कुछ भी नहीं बचेगा ;
अब्राहमिक सब लड़के मरेंगे, कोई मानव नहीं बचेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”