अज्ञात। अफ़ग़ानिस्तान में आज भूकम्प में एक हज़ार से अधिक लोग अल लाह को प्यारे हो गए। जब भूकम्प इत्यादि प्राकृतिक आपदा में काफिर/heathen की मृत्यु होती है तो मुयलमान/जिसाई कहते है कि अल लाह/जीजूस का क़हर था उन पर।
अब तालिबान ने शुद्ध इलसाम स्थापित कर लिया है तो क्यूँ भूकम्प आया? इसका उत्तर है उनके पास: “हमारी इबादत में कोई कमी रह गयी है।”
पाँच वक्त की नमाज़ के बाद क्या कमी थी? “हमने जिहाद नहीं किया काफिर के विरुद्ध, इसलिए अल लाह का क़हर आया।” याने, “We need to kill more kafirs.” तथ्य यही है कि आप ideologue से कभी तर्क में नहीं जीत सकते।
कोई भी प्रमाण आप देंगे, वह उसकी व्याख्या अपने idea के सपोर्ट में आपको दे देगा। ना तो यह माफिया तर्क से स्थापित हुआ था, न तर्क से समाप्त होगा ।