P U Thakkar. बहुत अर्से के बाद दिल को सुकून मिला। मैं तो खुश हो ही गया था यह सुनकर। लेकिन ज्यादा खुशी तो इससे मिली जब आपके चेहरे पर जो चमक देखी, जो आपकी आत्मा में से स्फूर्त हो रही थी वह नैसर्गिक खुशी देखी उससे ऐसे लगा कि मेरे प्यारे अजीज दोस्त श्री संदीप भाई बहुत खुश है इससे ज्यादा खुशी मुझे मिली।
मैं भगवान को प्रार्थना कर रहा हूं, सच्चे दिल से, कि आपके ऊपर जो केस किया गया है उससे आप कोई भी तकलीफ बगैर बाहर आ जाए। आपके अकाउंट में यह केस के लड़नेके वास्ते एक छोटी सी राशि स्नेह अर्पण कर रहा हूं। और हां मेरे कांटेक्ट में मैंने नीचे वाले मैसेज फैलाए हैं। लोग ज्यादा समय देकर सुनना पढ़ना नहीं चाहते हैं। इसलिए मैं आप जैसे विद्वान लोगों से माहिती प्राप्त कर के छोटे-छोटे समाचार फैलाता हूं।