हम सब तेरे हो सकते हैं , बस केवल ये काम करो ;
सारा अल्पसंख्यकवाद हटाओ , सारे मंदिर मुक्त करो ।
झूठे इतिहास का जहर हटाकर , गंदी शिक्षा नीति सुधारो ;
फौरन सच्चा इतिहास पढ़ाओ , नैतिक शिक्षा शुरू करो ।
हिंदू का जो दोयम दर्जा , उसको फौरन खत्म करो ;
भारतवासी एक बनाकर , तुष्टीकरण को बंद करो ।
भ्रष्टाचार की सजा सख्त हो , कानून का शासन ले आओ ;
अब तक लूटा राष्ट्र जिन्होंने , उनको जेलों में पहुंचाओ ।
राष्ट्र का लूटा धन है जितना,ब्याज सहित सब वापस लाओ;
राष्ट्रद्रोह की सजा मौत हो , गद्दारी को दूर हटाओ ।
भारतवासी रहें देश में , घुसपैठियों को मार भगाओ ;
सभी को पूरा संरक्षण हो , आरक्षण को दूर हटाओ ।
यथायोग्य ही प्राप्त कराओ , पक्षपात को दूर भगाओ ;
तेरे जितने सलाहकार हैं , उनकी जगह योग्य को लाओ ।
लगता तुझको घेरे दुश्मन , उल्टे – सीधे काम कराते ;
उल्टी-सीधी राय को देकर , तेरी गरिमा नष्ट कराते ।
चरित्रवान हो सारे मंत्री , तभी राष्ट्र की रक्षा होती ;
राष्ट्रभक्त होना अनिवार्य , तभी धर्म की रक्षा होती ।
धर्म हमारा जीवनदर्शन , हमको मानव ये बनाता है ;
धर्म बिना मानव है दानव , राक्षस ही बन जाता है ।
धर्म के दुश्मन जितने मजहब , उनको मर्यादित करना है ;
जहां-जहां भी अतिक्रमण है , ध्वस्त उन्हें पूरा करना है ।
कानून का पालन हर हालत में , कहीं नहीं हो भ्रष्टाचार ;
जस का तस कानून का पालन , ये ही हो अब शिष्टाचार ।
वीआईपी कल्चर को हटाकर , सबको एक बराबर लाओ ;
लोकतंत्र में सभी बराबर , राजा – रंक का भेद मिटाओ ।
संविधान की सारी कमियां , फौरन उनको दूर करो ;
सम-विधान ही संविधान हो , इनका अंतर दूर करो ।
गांधी – नेहरू राष्ट्र के दुश्मन , इनसे खुद को मुक्त करो ;
सच्चे इतिहास को तुम भी जानो,अपने अज्ञान को दूर करो।
एएमयू का तेरा भाषण , तेरी पोल खोलता है ;
तुझको कुछ इतिहास न मालूम , झूठी बात बोलता है ।
खुद को अब परिपूर्ण बनाओ , राष्ट्र के हरदम काज करो ;
राष्ट्र को केवल यही चाहिये , आजीवन तुम राज करो ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”